ECI Notice To Akhilesh Yadav: निर्वाचन आयोग ने सपा प्रमुख अखिलेश से आरोपों के मांगे सबूत, नोटिस जारी
निर्वाचन आयोग ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से उस आरोप पर सबूत देने को कहा है जिसमें उन्होंने निर्वाचन प्राधिकरण पर आरोप लगाया था कि इस साल उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान हर विधानसभा सीट की मतदाता सूची से यादव और मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं के नाम सामूहिक रूप से हटा दिए गए थे.
Notice To Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक आरोप ने उन्हें फंसा दिया है. निर्वाचन आयोग ने अब उनसे उनके लगाए गए आरोपों के सबूत और दस्तावेज मांगे हैं. अब देखना है कि अपनी पार्टी को नगर निकाय चुनाव की तैयारी के लिए तेज धार देने में जुटे यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश अब क्या कदम उठाते हैं?
10 नवम्बर तक क्षेत्रवार साक्ष्य प्रस्तुत करें
निर्वाचन आयोग ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से उस आरोप पर सबूत देने को कहा है जिसमें उन्होंने निर्वाचन प्राधिकरण पर आरोप लगाया था कि इस साल उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान हर विधानसभा सीट की मतदाता सूची से यादव और मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं के नाम सामूहिक रूप से हटा दिए गए थे. आयोग ने यादव को लिखे पत्र में कहा है कि वह सपा द्वारा इस संबंध में जिला और राज्य निर्वाचन अधिकारियों के समक्ष की गई शिकायतों के बारे में 10 नवम्बर तक क्षेत्रवार साक्ष्य प्रस्तुत करें.
एक बैठक में लगाए थे आरोप
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पिछले महीने पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए निर्वाचन आयोग पर हर विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम और यादव वोटों के नाम हटाने का आरोप लगाया था. ऐसी जानकारी है कि आयोग ने अखिलेश यादव से कहा था कि उसे किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची से 20,000 मतदाताओं के नाम हटाने की कोई शिकायत नहीं मिली है. यदि ऐसा है तो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस संबंध में सबूत और दस्तावेज मुहैया कराएं.
आरोपों को निराधार पाया
आयोग ने यह भी कहा कि उसके जिला और राज्य निर्वाचन अधिकारियों ने प्रत्एक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम सामूहिक रूप से हटाने के बारे में सूचित नहीं किया है. निर्वाचन आयोग ने कहा कि सपा के एक उम्मीदवार ने अलीगंज विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची से 10,000 मतदाताओं के नाम हटाने की शिकायत की थी. आयोग ने कहा कि जांच किए जाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इन आरोपों को निराधार और तथ्यात्मक रूप से गलत पाया था.