Indian Railway Child Ticket: भारतीय रेलवे (Indian Railway) की सेवा दुनिया में सबसे बड़े रेल नेटवर्क में शुमार है. हर दिन करोड़ों की संख्या में इस सेवा का लोग लाभ लेते हैं. बुधवार को एक खबर आई कि पांच साल तक की आयु के बच्चों का भी किराया लिया जाएगा. हालांकि, अब तक इस आयु के बच्चों को रेलवे में मुफ्त सफर करने की सुविधा दी जाती रही है. इसे लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी कटाक्ष कर दिया. मगर पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने इस खबर को झूठा करार दिया है. यानी भारतीय रेलवे ने अपनी पॉलिसी में ऐसा कोई बदलाव नहीं किया है. बस, थोड़ी सी तब्दीली की है जो कि यात्री की इच्छा पर निर्भर है.
पीआईबी फैक्ट चेक की आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से संदेश दिया गया है, ‘यह एक वैकल्पिक व्यवस्था है. भारतीय रेलवे ने यह विकल्प दिया है कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बर्थ बुक करवाते समय यदि उनकी बर्थ बुक नहीं कराई गई है तो वे बच्चे मुफ्त यात्रा कर सकते हैं.’
दरअसल, भारतीय रेलवे का नाम दुनिया की सबसे बड़े रेल नेटवर्क में शुमार है. हर दिन करोड़ों की संख्या में यात्री ट्रेन से सफर करते हैं. इसमें बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल होते हैं. बुधवार को एक खबर वायरल होने लगी कि रेलवे ने अब पांच साल तक के बच्चों का भी किराया तय कर दिया है जो कि पहले नि:शुल्क हुआ करता था. इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार को घेरने में देरी भी न की. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘1 साल के बच्चों पर फ़ुल रेल टिकट लगाने वाली भाजपा सरकार का शुक्र मनाइए कि उसने ये नहीं कहा कि गर्भवती महिला से रेल में अतिरिक्त टिकट वसूला जाएगा. रेल अब ग़रीबों की नहीं रही. अब जनता भाजपा की फ़ुल टिकट काटेगी.’
बता दें कि अब तक पांच से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों का टिकट बनाते समय यह विकल्प देना होता है कि पूरी बर्थ लेंगे या फिर नहीं. बर्थ लेने पर ही पांच से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों का पूरा किराया पड़ता है. जबकि बर्थ न लेने पर किराया आधा ही देना होता है. वहीं, पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों की रेलवे में यात्रा नि:शुल्क होती है. खबर के अनुसार, रेलवे ने अपनी इस सुविधा को खत्म कर दिया था. इसे लेकर किरकिरी होने लगी. अंतत: सरकारी कामकाज की आधिकारिक सूचना जारी करने वाली पीआईबी की फैक्ट चेक टीम की ओर से इस खबर को अफवाह बताया गया.