UP: लखनऊ के नितिन को अल्बानिया में किया गया गिरफ्तार, सरकार से लगाई मदद की गुहार, पीएम मोदी को लिखा पत्र

कारोबार के सिलसिले में 11 अक्टूबर को अल्बानिया गए नितिन को वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. नितिन पर ड्रग्स की तस्करी (Drug Smuggling) करने का आरोप लगा है. नितिन के वकील ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और विदेश मंत्रालय (एमईए) को पत्र लिखा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 2, 2022 2:01 PM

Lucknow News: लखनऊ के राजाजीपुरम में रहने वाले नितिन मिश्रा (Nitin Mishra) को अल्बानिया में गिरफ्तार कर लिया गया है. नितिन अपने कारोबार के सिलसिले में 11 अक्टूबर को अल्बानिया गए थे, लेकिन 17 अक्टूबर को वापसी से पहले उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. नितिन पर ड्रग्स की तस्करी (Drug Smuggling) का आरोप लगा है.

भारत वापसी से पहले नितिन की गिरफ्तारी

नितिन की गिरफ्तारी का पता चलते के बाद से पूरा परिवार चिंता में है. हालांकि, नितिन के पिता वासुदेव मिश्रा ने सरकार से मदद मांगी है. उनके पिता वासुदेव ने बताया कि, बेटे प्रधानमंत्री की रोजगार योजनाओं से उत्साहित होकर अपना बिजनेस शुरू करने की तैयारी की और इसी सिलसिले में वह 11 अक्टूबर को अल्बानिया के लिए घर से निकला. इसके लिए नितिन ने टूरिस्ट वीजा लिया था. 17 अक्टूबर को वापसी से पहले अल्बानिया पहुंचते ही नितिन को गिरफ्तार कर लिया गया.

नितिन ने फोन पर दी जानकारी

अल्बानिया गए बेटे का जब फोन नहीं आया तो, पिता समेत पूरा परिवार परेशान हो गया. बार बार फोन करने के बाद भी कॉल नहीं लगी, और जब फोन लगा तो रिसीव नहीं किया गया. इसके बाद से परिवार की चिंता और बढ़ गई. इसके बाद 22 अक्टूबर को नितिन के नंबर से वासुदेव मिश्रा के पास एक कॉल आई. नितिन ने अपने पिता को बताया कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. उसने बताया कि उसे अब अल्बानिया से यूएस ले जा रहे हैं.

भारत सरकार को नहीं दी गई कोई सूचना

दरअसल, हैरान करने वाली बात ये है कि भारतीय नितिन की गिरफ्तार के बाद अल्बानिया सरकार ने यह सूचना भारत सरकार को नहीं दी.और न ही उसके परिवार वालों को इस संबंध में कुछ बताया गया. हालांकि, काफी छानबीन करने के बात परिजनों को पता चला कि अल्बानिया में नितिन को ड्रग्स तस्करी के केस में गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल, परिवार ने अपने वकील से संपर्क किया है, साथ ही भारत सरकार से हस्तक्षेप करने के लिए कहा है. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और विदेश मंत्रालय (एमईए) को पत्र लिखा है.

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