यूपी में भी सड़कों पर उतरे किसान, यमुना एक्सप्रेस-वे पर यातायात बाधित, मेरठ-मुजफ्फरनगर में हाइवे किया जाम
पंजाब-हरियाणा और दिल्ली में कृषि कानून के खिलाफ किसानों के हो रहा प्रदर्शन का असर अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर, व बागपत में भी किसान सड़कों पर उतर गए हैं. यहां उन्होंने विरोध जताते हुए हाइवे को जाम कर दिया है. उत्तर प्रदेश भारतीय किसान यूनियन ने इसका ऐलान पहले ही कर दिया था कि वो शुक्रवार को कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे.
पंजाब-हरियाणा और दिल्ली में कृषि कानून के खिलाफ किसानों के हो रहा प्रदर्शन का असर अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर, व बागपत में भी किसान सड़कों पर उतर गए हैं. यहां उन्होंने विरोध जताते हुए हाइवे को जाम कर दिया है. उत्तर प्रदेश भारतीय किसान यूनियन ने इसका ऐलान पहले ही कर दिया था कि वो शुक्रवार को कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे.
यमुना एक्सप्रेस वे पर लगा भीषण जाम
वहीं मथुरा में भी किसान सड़क पर उतर गए हैं. जिससे ट्रैफिक व्यवस्था ठप्प हो गई है्. किसानों ने रास्ते बंद कर दिए हैं जिससे यमुना एक्सप्रेस वे पर भीषण जाम लग चुका है. दूसरी तरफ गाजियाबाद-दिल्ली सीमा पर भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई है. गाजियाबाद एएसपी ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा की हमने सीमा को सुरक्षित रखा है. किसानों को इस तरफ नहीं आने दिया जाएगा.
Mathura: Traffic jam at Yamuna Expressway as agitating farmers block the road. Police personnel present at the spot. pic.twitter.com/2fXDZ7uCLJ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 27, 2020
किसानों के आंदोलन की वजह
बता दें कि मोदी सरकार संसद के पिछले सत्र में खेती से जुड़े तीन कानून लेकर आयी थी. ये तीन कानून हैं: कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन-कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020. ये तीनों कानून संसद के दोनों सदनों से पारित हो भी चुके हैं और कानून बन चुके हैं. इन्हीं तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर किसान आंदोलन कर रहे हैं.