Kanpur News: रिंग रोड बनने से पहले आईं अड़चने, किसानों ने मुआवजे के साथ मांगी नौकरी, तो किसी ने…
कानपुर में 23 किलोमीटर लंबे रिंग रोड के निर्माण से पहले रुकावट आना शुरू हो गया है. यहां जमीन अधिग्रहण करने को लेकर 60 आपत्तियां सामने आई हैं. कई किसान तो चार गुना मुआवजे के साथ ही नौकरी की मांग कर रहे है तो कई..
Kanpur News: मंधना से सचेंडी तक 23 किलोमीटर लंबी रिंग रोड का निर्माण होना है. जिसके लिए जमीन अधिग्रहण की जानी है, लेकिन इससे पहले 60 आपत्तियां सामने आई है. कई किसान चार गुना मुआवजे के साथ नौकरी की मांग कर रहे हैं, तो कई जमीन देने को तैयार नहीं हैं. कुछ किसानों ने तो मुआवजे के साथ ही रिंग रोड के किनारे जगह की भी मांगा की है. एडीएम भू/अध्याप्ति ने आपत्तियां आने पर सुनवाई शुरू कर दी है.
13 गांव की जमीन का होना है अधिग्रहण
बता दें कि पहले फेज में मंधना से सचेंडी तक रिंग रोड का निर्माण होना है. जिसकी दूरी 23 किलोमीटर की है. 23 किमी रिंग रोड के लिए 13 गांवों की जमीनों का अधिग्रहण होना है. बता दें कि 30 जून तक किसानों से आपत्तियां मांगी गई थीं. एडीएम भू/अध्याप्ति सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 60 आपत्तियां आई हैं. इनका निस्तारण किया जा रहा है. सबको बारी-बारी बुलाया जा रहा है, जिससे दिक्कतों को समझा जा सके, और निस्तारण किया जा सके.
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ड्रोन से हुआ रोड का सर्वे
मंधना से सचेंडी तक बनने वाली रिंग रोड एलाइनमेंट का ड्रोन से सर्वे किया गया. पूरे एलाइनमेंट का प्लान बनाया गया है. ड्रोन की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कराई गई है. मंधना से सचेंडी तक रिंग रोड के निर्माण के लिए बनी, पचोर, नकटू, महाराजपुर, हरदासपुर, चकगोविंदपुर, पुरासुवंस, बिनोर, कटरा घनश्याम, रौतेपुर, दूल, भूल व धरमगदपुर आदि गांव की जमीनें ली जानी हैं.
93.5 किमी पर होंगे 4 एंट्री पॉइंट्स
एनएचएआई ने अब 70.14 किलोमीटर की शेष बची रिंग रोड की जमीन अधिग्रहण के लिए गजट जारी करने को मंजूरी दे दी है. अब सचेंडी से रूमा, रूमा से आजाद मार्ग मोड़ उन्नाव और आजाद मार्ग मोड़ से मंधना तक तीसरा हिस्सा होगा. इन्हीं हिस्सों की जमीन अधिग्रहण के लिए कैपिटल ए का नोटिफिकेशन 60 दिन में होगा. 93.5 किलोमीटर की रिंग रोड में सिर्फ चार इंट्री प्वाइंट्स मिलेंगे, जहां से वाहन आ-जा सकेंगे. बाकी कहीं से भी रिंग रोड से शहर में जाने का रास्ता नहीं मिलेगा. यह सब इसलिए किया गया है ताकि रिंग रोड एक्सीडेंट फ्री बनाया जा सके.
रिपोर्ट- आयुष तिवारी