समितियों के साथ प्राइवेट दुकानों से डीएपी खत्म हो जाने से किसान परेशान, कृषि अधिकारी बोले- कल…

Gorakhpur News: गोरखपुर में किसानों की डीएपी की समस्या खत्म नहीं हो रही है. सरकारी समितियों के बाद अब प्राइवेट दुकानों से भी डीएपी समाप्त होने से किसान परेशान है. किसान अपने खेतों की जुताई कर अब रवि की फसल बोने को लेकर काफी परेशान है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2022 4:16 PM

Gorakhpur News: गोरखपुर में किसानों की डीएपी की समस्या खत्म नहीं हो रही है. सरकारी समितियों के बाद अब प्राइवेट दुकानों से भी डीएपी समाप्त होने से किसान परेशान है. किसान अपने खेतों की जुताई कर अब रवि की फसल बोने को लेकर काफी परेशान है, क्योंकि उन्हें डीएपी नहीं मिल रही है. जिससे वह बोआई नहीं कर पा रहे हैं.

7 दिनों से इफ्को की रैक का इंतजार कर रहे अधिकारियों ने इसको लेकर बैठक की है और डीएपी वितरण पर चर्चा कर रणनीति तैयार की गई है. वहीं कृषि अधिकारी ने बताया कि अगर खाद की बात करें और विशेष रूप से डीएपी की तो जिसकी डिमांड जनपद में सबसे अधिक है. और एरिया भी गोरखपुर में अधिक है.

बुवाई का सबसे महत्वपूर्ण समय शुरू हो चुका है. हमारी पास खाद तो आए है लेकिन प्रतिदिन 600 से 700 मीट्रिक टन बिक्री होने की वजह से खाद की समस्या हल्की-फुल्की बनी हुई है . यह समस्या भी आज से समाप्ति के कगार पर है क्योंकि इफ्को की रैक हमारी लग चुकी है. जिससे अगले 3 दिनों तक हमारे किसान लोगों का काम आसानी से चल सकेगा. और तीन जगहों से खाद की रैक आने वाली है जिससे यह समस्या धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी.

कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कल हमारे सभी समितियों पर खाद उपलब्ध रहेगी और हमारे सभी समितियों पर खाद की बिक्री होगी. हमारी किसान से अपील है कि वह अपनी खतौनी और आधार कार्ड लेकर जाए और अपनी आवश्यकता के अनुसार ही खाद का क्रय करें क्योंकि हमारी रैक लगातार आ रही है.

बताते चलें 6 दिनों से इस सहकारी समितियों पर लगातार ताला लटक रहा है किसान प्राइवेट दुकानों से डीएपी खरीद कर अपने खेतों की बोआई का काम कर रहे थें. लेकिन अब प्राइवेट दुकानों पर भी डीएपी समाप्त हो चुकी है. इफ्को की रैक गोरखपुर में आने के बाद कल से सभी समितियों पर डीएपी मिलेगी. रैक गोरखपुर पहुंचने के बाद यहां से सीधे समितियों पर डीएपी भेजी जाएगी. जहां सचिव की उपस्थिति में किसानों में यह वितरित किया जाएगा.

रिपोर्ट: कुमार प्रदीप,गोरखपुर

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