Gorakhpur News: किसानों को मिली राहत, सात दिन इंतजार के बाद सहकारी समितियों पर पहुंची खाद
Gorakhpur News: गोरखपुर में सात दिनों के इंतजार करने के बाद आज (शनिवार) को किसानों के लिए राहत भरी खबर है. गुजरात से चली इफ्को की रैक शहर में पहुंच गई. जिसके बाद अधिकारियों ने 1070 टन डीएपी और 940 टन एनपीएस ट्रकों से सीधे समितियों को भेज दिया गया.
Gorakhpur News: गोरखपुर में सात दिनों के इंतजार करने के बाद आज (शनिवार) को किसानों के लिए राहत भरी खबर है. गुजरात से चली इफ्को की रैक शुक्रवार की भोर में गोरखपुर पहुंच गई. जिसके बाद अधिकारियों ने 1070 टन डीएपी और 940 टन एनपीएस ट्रकों से सीधे समितियों को भेज दिया गया. जहां से आज सचिव और एसडीओ कृषि की निगरानी में किसानों को यह वितरित किया जा रहा है.
किसान अपना आधार कार्ड और खतौनी लेकर समितियों पर पहुंचे
कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि किसान अपना आधार कार्ड और खतौनी लेकर समितियों पर पहुंचे और वहां से अपनी जरुरत के हिसाब से डीएपी प्राप्त करें. गोरखपुर जिले के लिए इफ्को ने 1910 टन डीएपी व एनपीएस भेजा है. जो शुक्रवार की सुबह गोरखपुर के नकहा स्टेशन पर पहुंच गई. जहां से अधिकारियों की देखरेख में इसे सीधे समितियों पर ट्रक द्वारा भेजा गया है.
आज शनिवार को समितियों पर से इसे किसानों में वितरित किया जा रहा है. इसमें से सहकारी समितियों एवं निजी समितियों को 985 टन डीएपी व 632 टन एनपीएस दिया गया है. आईएफएफडीसी एवं इफ्को की दुकानों पर 70 टन डीएपी व 308 टन एनपीएस और पीसीएस कृषक सेवा केंद्र पर सिर्फ 15 टन डीएपी भेजी गई है.
अगले तीन दिनों में 3 रैक आने वाली है
डिमांड के अनुसार सभी ब्लाकों पर डीएपी का आवंटन किया गया. कृषि विभाग द्वारा प्रमाणित प्राइवेट दुकानों के लिए अगले 3 दिनों में 3 रैक आने वाली है. जिसके बाद प्राइवेट दुकानों पर भी डीएपी मिल सकेगी इसे थोक विक्रेताओं के माध्यम से प्राइवेट दुकान पर लाया जाएगा, जो सहकारी समितियों पर मिलने वाले दाम पर ही किसानों को देंगे.
क्या कहा कृषि अधिकारी ने
कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि रैक के डिमांड के अनुसार 1910 टन डीएपी व एनपीएस जिले के समितियों पर भेज दी गई है. 26 नवंबर को किसानों में एसडीओ कृषि की निगरानी में किसानों को वितरित किया जा रहा है. जांच के बाद ऑनलाइन डाटा नहीं हटाने वाले सचिवों पर कार्रवाई की जाएगी.
बताते चलें सचिवों की लापरवाही की वजह से एक बार फिर इफ्को की रैक आने में देरी हो सकती है क्योंकि अभी तक आधे से अधिक सहकारी समितियों के सचिवों ने बायोमेट्रिक मशीन पर किसानों का अंगूठा नहीं लगवाया है.कुछ को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर समितियों के ऑनलाइन डाटा में डीएपी की पर्याप्त मात्रा दिख रही है गोरखपुर जिले में इफ्को की 107 समितियां संचालित है.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप, गोरखपुर