Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में अफ्रीकन स्वाइन फीवर ( ASF) का पहला केस सामने आया है. इससे पशुपालकों में हड़कंप मच गया है. आईवीआरआई (IVRI) में एक मृत सूअर की संदिग्ध बीमारी के बाद आईवीआरआई ने सैंपल की जांच की थी. सैंपल की जांच में एएसएफ आरटीपीसीआर पॉजिटिव आई है.आईवीआरआई ने सीवीओ को पत्र जारी कर अलर्ट के लिए कहा है.
देश के मिजोरम, त्रिपुरा और असम के बाद बरेली में एएसएफ का पहला केस सामने आया है. आईवीआरआई कैडरेट के संयुक्त निदेशक डॉ. केपी सिंह का कहना है कि कुछ दिन पहले नवाबगंज तहसील के भड़सर डांडिया गांव निवासी पशु पालक डॉ. अनिल कुमार के सुअर को तेज बुखार आया था. उसने खाना पीना छोड़ दिया. बेहद कमजोर हो गया. उसका इलाज भी कराया गया, लेकिन दवाई का कोई असर नहीं हुआ. उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.
पशुपालक डॉ. अनिल कुमार ने मृत सूअर का सैंपल लेकर आइवीआरआई में जांच को भेजा था. इसमें अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है. इसके बाद आइवीआरआई की तरफ से गांव में एक टीम भेजने का फैसला लिया गया है. यह टीम अन्य सुअरों में संक्रमण आई जांच करेगी. इसके साथ ही पशुपालकों को ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत क्वारटीन की सलाह देगी.
आईवीआरआई की तरफ से मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) को भी पत्र भेजा गया है. इसमें एडवाइजरी जारी करने के लिए कहा गया है.आईवीआरआई की तरफ से कहा गया है कि जिस इलाके में संकम्रण की पुष्टि होती है.उसका 01 किलोमीटर का इलाका संक्रमित जोन घोषित कर दिया जाता है. हालांकि, आईवीआरआई वैक्सीन बनाने में जुटा है.
आईवीआरआई की तरफ से सुअर का मांस खाने पर भी रोक लगाने की बात कही है. इस संक्रमण से इंसानों को खतरा नहीं है. मगर,पशुपालक या कर्मचारी सुअर के संपर्क में आते हैं, तो दूसरे पशुओं में फैल सकता है. यह वायरस पहली बार 1920 में अफ्रीका के पशुओं में दिखाई पड़ा था.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद