Janshi News: झांसी के कस्बा बरुआसागर में बेतवा नदी के तांडव ने खड़ेसर गांव की उस वक्त धड़कन बढ़ा दी, जब मछली पकड़ने गए चार युवक दो टापूओं पर फंस गए थे. मामले की जानकारी लगते ही रेस्क्यू शुरू किया गया, लेकिन बेतवा नदी के पानी की रफ्तार तेज होने के कारण रेस्क्यू सफल नहीं हो सका. इसके बाद डीएम-एसएसपी की मौजूदगी में सेना ने ऑपरेशन शुरू किया और चारों युवकों को दो हेलीकॉप्टर से लिफ्ट कर सुरक्षित बचा लिया गया, तब कहीं जाकर युवकों की जान में जान आई, और उनके साथ पूरे गांव ने सेना का शुक्रिया किया.
दरअसल, खडे़सर गांव के रहने वाले भूरे (17) बेटा जमुना और अशोक (21) बेटा चतुर्भुज बुधवार को खेत पर काम करते वक्त उफनाई बेतवा के बाद टापू में फंस गए थे. इसके अलावा गांव के ही मनीराम (43) बेटा वृषभान और हरीराम (40) प्यारेलाल भी मछली पकड़ते वक्त पानी में घिर गए. पानी से बचने के लिए वे दूसरे टापू पर जा पहुंचें, जहां वे फंसकर रह गए. अगले दिन सुबह-सुबह चित्रकूट से पहुंची एसडीआरएफ की टीम भी पानी का तेज बहाव होने के कारण ऑपरेशन शुरू नहीं कर सकी.
टहरौली के एसडीएम इंद्रकांत द्विवेदी ने इसके बाद दूसरी एसडीआरएफ की टीम को बुलाया. इसके बाद ऑपरेशन शुरू हुआ, लेकिन फिर से पानी का तेज बहाव बीच में आ गया और ये ऑपरेशन भी सफल नहीं हो सका, जब इतना सबकुछ होने के बाद भी टापू पर फंसे युवकों का रेस्क्यू नहीं हो सका तो जिलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए. डीएम के निर्देश पर ग्वालियर से सेना के छोटे हेलीकॉप्टर मंगवाए गए. आनन-फानन में हैलीपैड तैयार किया गया.
इसके बाद करीब 1.20 बजे टापू पर फंसे भूरे और अशोक को सुरक्षित टापू से रेस्कूय कर लिया गया. इसके बाद हेलीकॉप्टर दूसरे टापू पर पहुंचा, जहां से मनीराम और हरीराम को सुरक्षित टापू से निकाल लिया गया. जानलेवा तेज रफ्तार पानी से बाहर आ गए लोगों ने सेना के जवानों का शुक्रिया किया, इसके साथ भी फंसे हुए लोगों के परिजनों और ग्रामीणों ने भी सेना के जवानों की खूब प्रशंसा की.