UP: सिद्धार्थनगर में एक और बांध टूटने से मचा हड़कंप, जलमग्न हुए सैकड़ों गांव, खौफ के साए में ग्रामीण
सिद्धार्थनगर जिले में गुरुवार को दो बांध टूटने से कई गांव जलमग्न हो गए, तबाही का ये मंजर तब और बढ़ गया, जब गुरुवार रात लगभग 7:30 बजे एक और बांध टूट गया. इसके बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. जिले में लगभग 300 से ज्यादा गांव बाढ़ प्रभावित हैं.
Siddharth Nagar News: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में हो रही बेमौसम बारिश से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस बीच सिद्धार्थनगर जिले में गुरुवार को दो बांध टूटने से कई गांव जलमग्न हो गए, तबाही का ये मंजर तब और बढ़ गया जब बीती रात लगभग 7:30 बजे एक और बांध टूट गया. इसके बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. जिले में लगभग 300 से ज्यादा गांव बाढ़ प्रभावित हैं.
बांध टूटने से बाढ़ की स्थिति और भयावह
दरअसल, बूढ़ी राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से एक और बांध टूट गया है, जिससे लगभग 300 से ज्यादा गांव बाढ़ प्रभावित हो गए हैं. बांध टूटने से भैंसहवा से शोहरतगढ़ का मार्ग बंद होने की आशंका जताई जा रही है. शोहरतगढ़ तहसील के बैलिहवा नाइडहरा नकाही का बांध टूटा है. सिद्धार्थनगर जिले में एक और बांध टूटने से बाढ़ की स्थिति और भयावह हो गई है.
जिले में अब तक टूट चुके हैं तीन बांध
जिले में एक और बांध टूटने से अब तक कुल तीन बांध टूट चुके हैं. जिससे 300 से ज्यादा गांव बाढ़ प्रभावित हो गए हैं. सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ की स्थिति बहुत ही विकराल रूप ले चुकी है, जिले में बहने वाली नदी बूढ़ी राप्ती उफान पर है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दौरा किया और जिले की भानवापुर ब्लॉक में लोगों को राहत सामग्री भी बांटी. बांध टूटने की वजह से अधिकारियों ने मौके पर दौरा शुरू कर दिया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के प्रबंध में भी जुटे हुए हैं.
प्रशासन की लापरवाही से टूटे बांध
दरअसल, अचानक बांध टूटने से गांव में अफरा-तफरी मच गई है. लोग किसी तरह से जान बचाकर ऊंची जगहों पर शरण ले रहे हैं, जबकि घरों में रखा पूरा सामान डूब चुका है. ग्रामीणों की माने तो विभाग की लापरवाही के कारण ही जिले में तीन जगहों पर बांध टूटा है. उनका कहना है कि, विभाग ने पहले से ही बांध की मरम्मत कराई होती तो यह नोबत नहीं आती. बुधवार की रात में भी दो अलग-अलग जगहों पर बांध टूटे थे. वहां भी ग्रामीणों ने बताया कि बांध की कमजोर होने की सूचना पहले से ही विभाग के जेई को दी गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
रिपोर्टर- कुमार प्रदीप