Lucknow News: भाजपा से बगावत करने के बाद समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले चुके पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने एक ट्वीट करके भाजपा की बढ़ती प्रॉपर्टी को लेकर सवाल पूछा है. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख जिस तरह से नजदीक आ रही है. उसके मुकाबले नेताओं की बयानबाजी और ज्यादा तल्ख होती जा रही है.
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को ओबीसी वर्ग का नेता कहा जाता है. वह कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से विधायकी चुनाव लड़ते हैं. इस सीट से वे तीन बार विधायक बन चुके हैं. इस बार सपा ने उन्हें फाजिलनगर से टिकट दिया है. उन्होंने एक ट्वीट करके भाजपा की प्रॉपर्टी पर हल्ला बोला है. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट पर लिखा, ‘2013-14 में भारतीय जनता पार्टी की कुल संपत्ति रु. 780 करोड़ थी और 2019-20 में बीजेपी की कुल संपत्ति बढ़कर 4847 करोड़ रुपए हो गई. 2022 में क्या होगा आप खुद सोचे? यानी देश की जनता कंगाल, भाजपा मालामाल?’
2013-14 में भारतीय जनता पार्टी की कुल संपत्ति रु. 780 करोड़ थी
और
2019-20 में बीजेपी की कुल संपत्ति बढ़कर
रु. 4847 करोड़ हो गई।
2022 में क्या होगा आप खुद सोचे?
यानी
देश की जनता कंगाल, भाजपा मालामाल?
… pic.twitter.com/iVPntp0yEZ— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 31, 2022
वहीं, मंगलवार को जारी किए गए देश के आम बजट 2022-23 को लेकर उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंट पर लिखा है, ‘केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत यह बजट गांव-गरीब, किसान, मजदूर, बेरोजगार नौजवानों विरोधी है. इनके जीवन स्तर को बेहतर व शसक्त बनाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है.’ बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य को यूपी में ओबीसी की राजनीति करने के लिए जाना जाता है. स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी की सोलहवीं विधानसभा सभा में विधायक चुने गए थे. साल 2012 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इन्होंने यूपी की पडरौना विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता था. वह कोइरी समुदाय से हैं.
बता दें कि भाजपा से बगावत कर चुके स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी से ही सांसद हैं. उन्होंने हाल ही में एक बयान देते हुए यह कहा था कि वह अपने पिता के खिलाफ चुनाव प्रचार करने नहीं जाएंगी. पत्रकारों ने जब उनसे यह पूछा कि यदि शीर्ष नेतृत्व की ओर ऐसा करने का आदेश आया तो उन्होंने कहा कि वह इसके लिए स्वयं बात करके पार्टी के शीर्ष नेताओं के सामने अपनी दुविधा रखेंगी. संघमित्रा ने यह भी कहा था कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके पिता ने सपा का किला ढहा दिया था. बदायूं में अब लगातार दिख भी रहा है कि उसकी एक-एक ईंट ध्वस्त हो चुकी है. उन्होंने इसके आगे कहा था कि आने वाले समय में पता भी नहीं चलेगा कि किला बना कहां था.