Lucknow: यूपी में होने वाली जी-20 (G20 Summit 2023) बैठकों में आने वाले मेहमानों को मिलेट्स के लाजीज पकवान खाने को मिलेंगे. अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर-2023 (International Millet Year) को देखते हुए योगी सरकार ने यह फैसला किया है. जी-20 की लगभग 11 बैठकें यूपी के आगरा, वाराणसी, लखनऊ और ग्रेटर नोएडा में होनी हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि मोटे अनाज (Millets) बाजरा, ज्वार, सावां, कोदो, रागी आदि किसी न किसी रूप में हर आम एवं खास की थाली का हिस्सा बनें. पीएम नरेंद्र मोदी ने जी-20 बैठक में मोटे अनाज के व्यंजन परोसे जाने का आह्वान किया था.
वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर (International Millet Year) के रूप में मनाया जा रहा है. मोटे अनाज (Millets) जैसे बाजरा, ज्वार, सावां, कोदो, रागी को भोजन में शामिल करने का चिकित्सक समुदाय लगातार पैरवीकर रहा है. इसी में एक कदम आगे बढ़ते हुये मोटे अनाज से बने प्रसंस्कृत उत्पादों को नाश्ते, लंच, डिनर की थाली में शामिल करने की योजना सरकार ने बनायी है. इसके अलावा मिलेट्स से बने किसी खास तरह के खाद्य पदार्थ (Specific Hunger) की मांग को भी पूरा किया जाएगा. प्रसंस्कृत उत्पादों को स्थानीय लोगों की उम्र एवं स्वाद की पसंद के अनुरूप बनाया जाएगा.
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मोटा अनाज (Millets) बाजरा, ज्वार, सावां, कोदो, रागी आदि किसी न किसी रूप में हर आम एवं खास की थाली का हिस्सा बनें, यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है. इसीलिये इसे जी-20 के खाने में शामिल किया जा रहा है. इससे इन मोटे अनाज की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग भी होगी. सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि इन अनाजों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद भी हो. इसी तरह हर विभाग भी समय-समय पर होने वाले राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय कार्यक्रमों में भी मिलेट्स के उत्पाद की ब्रांडिंग करेंगे. यह ब्रांडिंग नाश्ते, भोजन और गिफ्ट हैंपर के रूप में भी हो सकता है.
यूपी सरकार मिलेट्स (Millets) की प्रोसेसिंग इकाइयां लगाने वालों को 100 फीसदी अनुदान देगी. अधिकतम जगहों पर मोटे अनाजों की बिक्री सुलभ हो, इसके लिए मंडियों में अलग से आउटलेट्स होंगे. इनके कारोबार के लिए वहां अलग से दुकानों का भी आवंटन किया जाएगा. ग्राम्य विकास विभाग इसका ब्लॉकों से लेकर ग्राम पंचायतों एवं वहां के हॉट-बाजारों तक विस्तार देगा. इनके डिश होटल एवं रेस्तरां के मीनू में शामिल किए जाएंगे. इनसे कैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनें, इसके लिए नामी शेफ समय-समय पर टिप्स देंगे. मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिये प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी.
परंपरागत अनाजों एवं इनकी खूबियों के बारे में बच्चे जानें इसके लिए मिलेट्स (Millets) को प्राइमरी स्कूलों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा. एफपीओ (फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) के जरिए रकबा एवं उत्पादन बढ़ाने का भी काम होगा. साथ ही ये बीज का भी उत्पादन करेंगे. प्रगतिशील किसानों को प्रदर्शन के लिए बीज के निःशुल्क और खेती के इच्छुक किसानों को केंद्र एवं प्रदेश सरकार की संस्थाएं राष्ट्रीय बीज निगम, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम आदि के जरिये अनुदानित बीज दिया जाएगा.
खेती के उन्नत तौर- तरीकों के माध्यम से बेहतर उत्पादन के लिए कृषि विश्वविद्यालयों से संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्र, उप्र राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान रहमानखेड़ा में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. किसान भाई देख कर सीखें, इसके लिए समय समय पर फील्ड डे एवं एक्सपोज़र विजिट के भी आयोजन होंगे. ये वे जगहें होंगी, जहां मिलेट्स (Millets) की खेती एवं मूल्य संवर्धन पर कार्य करने वाले प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थान होंगे.
– मिड-डे मील, बाल पुष्टाहार, पीडीएस कार्यक्रम में मिलेट्स के विभिन्न उत्पाद सम्मिलित होंगे.
– स्वयं सहायता समूहों को मिलेट्स के उत्पाद तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।.
-एनआरएलएम द्वारा चयनित आंगनबाड़ी एवं पोषित आहार में मिलेट्स भी शामिल होंगे.