गंगा विलास क्रूज स्विस पर्यटकों लेकर पहुंचा वाराणसी, पानी के बीच इन आलीशान सुविधाओं के बीच होगा सफर
13 जनवरी को विदेशी मेहमानों को लेकर यह 3200 किलोमीटर वाली 51 दिन की यात्रा के लिए वाराणसी से निकलेगा. यह क्रूज भारत और बांग्लादेश के कुल 27 रिवर सिस्टम्स से होकर गुजरेगा. इनमें गंगा-भागीरथी-हुगली, ब्रह्मपुत्र और वेस्ट कोस्ट नहर भी शामिल हैं.
Varanasi: बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में कोलकाता से 22 दिसम्बर, 2022 को रवाना हुआ गंगा विलास क्रूज मंगलवार को वाराणसी पहुंचा. वहीं गंगा विलास क्रूज से डिब्रूगढ़ जाने वाले 33 स्विस पर्यटकों का समूह मंगलवार को वाराणसी बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचा. यहां पर्यटकों का स्वागत शहनाई की धुन और धोबिया लोक नृत्य से किया गया. बाबतपुर से लग्जरी वाहन से पर्यटकों को रामनगर स्थित पोर्ट पर ले जाया गया.
3200 किलोमीटर की होगी क्रूज की यात्रा
गंगा नदी पर वाराणसी से ब्रह्मपुत्र नदी पर डिब्रूगढ़ तक दुनिया का सबसे लंबा रिवर क्रूज 13 जनवरी से शुरू होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रूज को वर्चुअल माध्यम से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना करेंगे. इस रिवर क्रूज की यात्रा 3200 किलोमीटर की है. इस क्रूज को साल 2018 से प्रमोट किया गया था और इसे 2020 में लॉन्च किया जाना था. हालांकि, कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी हो गई. अब इसके सफर का आगाज हुआ है.
51 दिन की यात्रा में ये होंगे अहम पड़ाव
13 जनवरी को 33 विदेशी मेहमानों को लेकर यह 3200 किलोमीटर वाली 51 दिन की यात्रा के लिए वाराणसी से निकलेगा. 51 दिनों तक एडवेंचरस सफर पर निकलने वाला यह क्रूज 15 दिनों तक बांग्लादेश से गुजरेगा. इसके बाद असम के बह्मपुत्र नदी से डिब्रूगढ़ तक जाएगा. यह क्रूज उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा. इसमें रास्ते में तीन मुख्य नदियां गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र पड़ेंगी.
क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरवन रिवर सिस्टम, वहीं बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से असम में प्रवेश करेगा. भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल की वजह से यह यात्रा बांग्लादेश को क्रॉस करेगी. क्रूज यात्री 15 दिनों तक बांग्लादेश में पर्यटन करेंगे.
18 सुइट और लग्जरी सुविधाओं से लैस है क्रूज
पांच सितारा होटल की सुविधाओं से लैस गंगा विलास जलयान में 18 सुइट हैं. इसका निर्माण एक विशिष्ट शैली और एक भविष्यवादी दृष्टिकोण के साथ किया गया था. इसमें व्यायाम और योगा के अलावा जिम, गीत और संगीत की सुविधा है. 22 दिसंबर को पर्यटकों को लेकर रवाना जलयान को छह जनवरी को ही काशी पहुंचना था, लेकिन कोहरे ने इसकी गति पर अवरोध लगा दिया है. गंगा विलास का इंटीरियर भी काफी आकर्षक है. उत्तर प्रदेश पर्यटन एजेंसी के प्रतिनिधियों के अनुसार यह कई प्रकार की सुविधाओं से सुसज्जित हैं. इनमें शॉवर वाला बाथरूम, कन्वर्टिबल बेड्स, फ्रेंच बालकनी, एलईडी टीवी, तिजोरी, स्मॉक अलार्म्स, लाइफ वेस्ट और स्प्रिंकलर्स प्रमुख रूप से हैं.
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दो दिन तक विभिन्न स्थानों पर भ्रमण करेंगे पर्यटक
पर्यटक रात्रि विश्राम के बाद 11 जनवरी को चुनार का किला देखने जाएंगे. यहां से मीरजापुर स्थित घण्टाघर जाएंगे. 12 जनवरी को इन पर्यटकों के लिए रविदास घाट पर सांस्कृतिक आयोजन होंगे. पर्यटकों के ग्रुप में 32 पर्यटक और एक जर्मन गाइड शामिल हैं. पर्यटकों का दल दिल्ली से एयर इंडिया के विमान से वाराणसी पहुंचा है.
सैलानियों में स्विस मेहमान के साथ गाइड शामिल
वाराणसी आए सैलानियों में 32 स्विस मेहमान और एक जर्मन गाइड है. स्विस पर्यटक जर्मन भाषा समझते हैं. इसलिए जर्मन जानने वाले गाइड को टूर में शामिल किया गया है. क्रूज की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है. अधिकारियों के मुताबिक, अंतरा क्रूज की वेबसाइट पर जाकर बुकिंग कराई जा सकती है.