Varanasi News: पहाड़ों और प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हो रही रिमझिम बारिश का असर अब गंगा में साफ दिखने लगा है. वाराणसी में तो आलम ये है कि गंगा नदी का जलस्तर बढ़ते बढ़ते अब घाट के ऊपर सीढियों तक पहुंच गया है. नदी की धारा में बढ़ाव से पहले ही यहां पण्डों और तीर्थ पुरोहितों ने अपने बस्तों को ऊपर कर लिया था. गंगा की उफनाई लहरों ने घाटों को अपने आगोश में ले लिया है. सभी 84 घाटों का आपसी संपर्क टूट चुका है.
दशाश्वमेध समेत विभिन्न घाटों पर होने वाली आरती का स्थल तक बदल चुका है. गंगा द्वार से काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश बंद हो चुका है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा के जलस्तर में दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव दर्ज किया गया है. बुधवार सुबह 8 बजे तक गंगा का जलस्तर 65.24 मीटर दर्ज किया गया. गुरुवार के मुकाबले पानी 66 सेंटीमीटर ऊपर चढ़ गया है. आज गंगा में 275 मिलीलीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से पानी ऊपर आ रहा है.
गंगा में बढ़ते जलस्तर के कारण दशाश्वमेध घाट के सामने वाले रेतों में कटान बहुत तेजी से जारी है. फिलहाल, यहां तीन-चौथाई रेत गंगा में बह चुका है. वहीं अस्सी घाट के सामने वाले रेत अब नजर नहीं आ रहे. बाढ़ के पानी में जलकुंभी बहकर आ रही है. इससे घाट किनारे जलकुंभी जमा होने से स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है.
गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण तटवर्ती इलाके के लोगों की धड़कनें बढ़ गई हैं. गंगा की सहायक नदी वरुणा में पलट प्रवाह का खतरा बढ़ गया है. बिन बारिश ही गंगा में हो रहे तेज बढ़ाव को पहाड़ी और चंबल इलाके में हुई बारिश का नतीजा बताया जा रहा है.
गंगा में तेज बढ़ाव को देखते हुए वरुणा के तटवर्ती इलाकों दनियालपुर, पिसौर, बेदौली, कोटवा, छितौनी, मथुरापुर मजीदिया घाट, कोरौत, कोईराजपुर, चमांव, अहिरान, इमिलिया घाट इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इन मोहल्लों के लोग पलायन की तैयारी करने लगे हैं. प्रशासन ने तटवर्ती इलाकों से जुड़े पुलिस थानों को निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है. बाढ़ चौकियां सतर्क कर दी गई हैं.
रिपोर्ट-विपिन सिंह