भक्तों का लगता है तांता, यहां मां गंगे करती हैं हनुमान जी का जलाभिषेक, देखें तस्वीर
मान्यता है की लंका विजय के बाद शक्ति के अवतार हनुमान जी को थकान लगी तो उन्होंने इसी संगम के तट पर विश्राम के लिए लेट गए थे तब से लेकर आज तक मां गंगा उनको शयन कराने हर साल आती है और जिस वर्ष ऐसा नहीं होता वो साल अपने साथ अमंगल लाता है.
तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना और अदृश्य रूप से सरस्वती नदी का संगम होता है. इसमें आस्था का संगम हुआ जब भगवान् शिव के ग्यारहवें अवतार माने जाने वाले रुद्रावतार हनुमान का अभिषेक कराने स्वयं गंगा उनके द्वार पर पहुंच गयी.
मान्यता है की लंका विजय के बाद शक्ति के अवतार हनुमान जी को थकान लगी तो उन्होंने इसी संगम के तट पर विश्राम के लिए लेट गए थे तब से लेकर आज तक मां गंगा उनको शयन कराने हर साल आती है और जिस वर्ष ऐसा नहीं होता वो साल अपने साथ अमंगल लाता है. ऐसे दुर्लभ पल के साक्षी बनने हजारों की संख्या में भक्त वहां खींचे चले आते है.
नदियों का जलस्तर जब बढने लगता है और बाढ़ के कारण लाखों लोगों की नींद उड़ जाती है. वैसे में तीर्थराज प्रयाग एक ऐसी जगह है जिस शहर के लोग बाढ़ आने के लिए प्रार्थना करते है. तीर्थराज प्रयाग और इसके पीछे और कोई कारण नही बल्कि धार्मिक कारण है.
मान्यता है की रावण का वध करने के बाद जब भगवान् राम अयोध्या लौट रहे थे तो महर्षि भारद्वाज का आशीर्वाद लेने के लिए वो प्रयाग आये लेकिन शिव के रुद्रावतार हनुमान जी गंगा के किनारे लेट गए और ऐसा कहा जाता है की तब से हर साल पतितपावनी मां गंगा हनुमान जी का जलाभिषेक कराने हर साल आती है.
इस स्थान करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है और यहीं विश्वविख्यात लेटे हनुमानजी का मंदिर भी है. शहर के हजारों श्रधालुओं की भीड़ उस समय से हनुमान जी और मां गंगा की जयकारे लगाते है जब गंगा जल हनुमान मंदिर में प्रवेश करता है.
इस समय तक गंगा जी का जल मंदिर में प्रवेश कर हनुमान जी को शयन करा चुका है और मंदिर में कई चरणों में महा आरती हो रही है श्रधालुओं की भीड़ इस अद्भुत संयोग की साक्षी बनाने के लिए मंदिर के बाहर जमा हो जाते है वही बाढ़ का पानी अब इतना बढ़ गया है कि कई गांव के संपर्क भी शहर से टूट चुके है.
बहरहाल गांव को छोड़ शहर में भी गंगा के कछारी इलाको में पानी घुसने लगा है और लोग अपना अपना सामान हटा कर दूसरे जगह शिफ्ट होने लगे है. शहर के निचले इलाको में तो पानी एक एक मंजिल तक पहुंच चुका है और लोगो घरों के दूसरी मंजिल पर रहने को मजबूर हैं.
दारागंज में तो पानी इतना बढ़ा है कि लोगो के मकान के साथ साथ पॉलिसी चौकी भी जलमग्न हो चुकी है और पुलिस वाले नावों के सहारे पेट्रोलिग कर रहे है इधर बाढ़ नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी का कहना है कि पानी अभी और बढ़ेगा जिससे निचले इलाकों में रहने वालों को काफी दिक्कतें आ सकती है.
वहीं, गंगा और यमुना का पानी लगातार बढ़ रहा है. जिला प्रशासन भी पूरी मुस्तैदी के साथ लगा हुआ है. एनडीआरएफ एसडीआरएफ की टीम लगा दी गई है किसी कोई भी कोई समस्या होती है तो वो सरकारी नम्बर पर सूचना दे सकते हैं. फिलहाल प्रशासन की तरफ से 13 राहत शिविर भी बना दिया गया है और लोग वहां रह भी रहे है.