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Kanpur News: सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड में कोर्ट का बड़ा फैसला, विकास दुबे के भाई और बहनोई को सुनाई सजा

कानपुर देहात के सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने विकास दुबे के भाई और बहनोई को पांच साल की सजा के साथ 5-5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. वर्ष 2000 में सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या हुई थी. सिद्धेश्वर पांडेय, ताराचन्द्र इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल थे.

By Prabhat Khabar News Desk | December 23, 2022 2:02 PM

Kanpur News: कानपुर देहात की माती कोर्ट में बिकरू कांड के मास्टमाइंड विकास दुबे के भाई और बहनोई को गैंगस्टर के मामले में सजा सुनाई गई है. साथ ही दोनों पर 5-5 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. गैंगस्टर के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद स्पेशल जज कोर्ट संख्या-5 ने सजा सुनाई है. शिवली में पूर्व प्रधानाचार्य सिद्धेश्वर पाण्डेय की हत्या मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है. सिद्धेश्वर पांडेय ताराचन्द्र इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल थे.

कोर्ट ने विकास दुबे के भाई और बहनोई को सुनाई सजा

हत्या समेत बलवा आदि के मामलों में आरोपित होने के कारण पुलिस ने वर्ष 2001 में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू निवासी विकास दुबे, उसके भाई दीपू दुबे और अविनाश दुबे तथा बसेन थाना शिवली निवासी उसके बहनोई दिनेश तिवारी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की थी. वहीं विकास दुबे का भाई लखनऊ जेल में बंद है और बहनोई को गिरफ्तार कर कानपुर देहात जेल भेजा गया है.

वर्ष 2000 में सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या हुई थी

कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के ताराचंद्र इंटर कालेज के प्रिंसिपल रहे सिद्धेश्वर पाण्डेय की सन 2000 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामलें में विकास दुबे और उसके भाई दीपू दुबे, अविनाश दुबे और बहनोई दिनेश तिवारी के खिलाफ हत्या समेत गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी. मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सन 2004 में चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

कोर्ट ने दीपू दुबे और दिनेश तिवारी को सुनाई सजा

वहीं शिवली पुलिस ने इस मामले में सन 2001 में आरोपियों के खिलाफ गैगेंस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई भी की थी, जिसकी सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश पंचम बाकर शमीम रिजवी की कोर्ट में चल रही थी. गुरुवार को कोर्ट ने विकास के भाई दीपू दुबे व बहनोई दिनेश तिवारी को 5-5 साल की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

विकास और अविनाश की मौत के कारण उनकी फाइल हुई अलग

विशेष लोक अभियोजक अमर सिंह भदौरिया का कहना है कि, बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में विकास दुबे और अविनाश की मौत हो जाने के कारण उनकी फाइल अलग कर दी गई. जबकि दीपू दुबे इस समय लखनऊ जेल में है. वहीं अभियोजक अमर सिंह भदौरिया का कहना है कि न्यायालय ने गैंगस्टर मामले में दीपू दुबे और उसके बहनोई दिनेश तिवारी को दोषी सिद्ध करते हुए पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई है.

उन्होंने बताया कि कोर्ट में सजा सुनाए जाने के दौरान अभियुक्त दिनेश तिवारी मौजूद रहा, जिसे जेल भेज दिया गया है. दूसरे अभियुक्त दीपू दुबे को लखनऊ जेल में निरुद्ध होने के चलते वीडियो कान्फ्रेंसिंग से सजा का आदेश सुनाया गया है.

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रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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