लखनऊ : विकास दुबे कानपुर के गीता नगर के साथ गांव बिकरू में सीधी अदालत लगाता था. इसमें जमीन के मामलों, आपसी रंजिश, उससे जुड़े किसी व्यक्ति को परेशान करने वालों को लेकर ऑन द स्पॉट फैसले सुनाता था. करीबी बताते हैं कि उसकी अदालत में अनसुनी करने पर कई बार संबंधित को मार तक पड़ती थी. विकास दुबे ने बिल्हौर, चौबेपुर, शिवली से लेकर कन्नौज की सीमा तक खूब सिक्का चलाया. उद्योगपतियों को जमीनें दिलवाने में जमकर कमाई की.
विकास दुबे के गांव बिकरू में पहली बार पुलिस की चौपाल लगी और गांव वालों की शिकायत पर जमीनों के कब्जे समेत अन्य शिकायतों का निस्तारण हुआ. नहीं तो अब तक बिकरू और आसपास के गांव में सिर्फ विकास की पंचायत में ही फैसले होते थे. पुलिस गांव में घुस तक नहीं पाती थी. गांव के लोगों ने विकास के एनकाउंटर के बाद राहत की सांस ली है. विकास के साथ ही बिकरू गांव के पांच लोग अब तक एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं.
गांव के 14 लोगों को पुलिस जेल भेज चुकी है. इससे पूरे गांव में दहशत का माहौल है. इसे सामान्य करने के लिए सीओ त्रिपुरारी पांडेय ने विकास के घर के सामने चौपाल लगायी. घर-घर जाकर गांव के लोगों को बुलाया. मुनादी करकर भीड़ जुटायी गयी. गांव के डरे सहमे राजू ने बताया कि विकास ने चार महीने से उसके थ्रेसर पर कब्जा कर रखा है. पुलिस ने पंचायत भवन में खड़े थ्रेसर के कागजात देखने के बाद फौरन किसान राजू को दिलाया.
वहीं, गांव के उस्मान ने बताया कि उनकी जमीन को विकास ने जबरन बाबू खां का कब्जा करा दिया था. उस्मान की जमीन जांच पड़ताल के बाद वापस करायी गयी. इसी तरह निजामुद्दीन की 12 बिस्वा, अजीमउल्लाह की तीन बीघा कब्जा करने की शिकायत दर्ज करायी. सीओ ने बताया कि राजस्व विभाग की टीम को यहां पर बैठाकर सभी जमीनों का निस्तारण कराया