Gorakhpur News: GDA बसाएगा नया गोरखपुर, महायोजना में रखा गया लोगों की सुविधाओं का ख्याल
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) की नई महायोजना को स्वीकृति मिल गई है. मेट्रोपॉलिटन शहर की तर्ज पर यह महायोजना 203 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में तैयार हुई है. 99.47 वर्ग किलोमीटर जमीन का क्षेत्र भू उपयोग आवासीय रखा गया है, जिसमें 25 लाख की आबादी रह सकेगी.
Gorakhpur News: जीडीए बोर्ड ने नई महायोजना 2031 के प्रारूप को स्वीकृति दे दी है. लंबे इंतजार के बाद बुधवार को गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) की इस नई महायोजना को स्वीकृति मिल गई है. मेट्रोपॉलिटन शहर की तर्ज पर यह महायोजना 203 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में तैयार हुई है. 99.47 वर्ग किलोमीटर जमीन का क्षेत्र भू उपयोग आवासीय रखा गया है, जिसमें 25 लाख की आबादी रह सकेगी.
महायोजना को लेकर लोग दे सकेंगे सुझाव
दरअसल, एक सप्ताह के भीतर प्रस्तावित महायोजना को प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा. इस पर लोग आपत्तियां और सुझाव दे सकेंगे. लोगों के आपत्तियों के निस्तारण के बाद इस प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा. नई महायोजना 2031 में नया गोरखपुर बसाने का प्रस्ताव है. गोरखपुर से कुशीनगर और गोरखपुर से देवरिया के बीच फोरलेन बाईपास से लगे लगभग 18 सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल पर यह नया गोरखपुर बसाया जाएगा.
महायोजना में लोगों की सुविधा का विशेष ध्यान
कुशीनगर और गोरखपुर एयरपोर्ट से आसान पहुंच के कारण इस जगह को बसाने के लिए उपयुक्त माना जा रहा है. नई महायोजना में शामिल प्रस्ताव में भू उपयोग परिवर्तन कर 100 कॉलोनियों को नियमित किया गया है. गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने स्वीकृत महायोजना 2031 की प्रारूप में लोगों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है.
चारों ओर 100 मीटर की परिधि में ग्रीन जोन
इस महायोजना में जीडीए द्वारा यह कोशिश की जा रही है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुविधाएं मिल सकें, इस महायोजना को 125 जनसंख्या घनत्व के आधार पर तैयार किया गया है. महायोजना को तैयार करते समय अवैध निर्माण का भी अध्ययन किया गया है. इस महायोजना में वन क्षेत्र का भी ध्यान रखा गया है. वन विभाग के सुझाव के बाद ही प्रस्ताव तैयार किया गया है. वन क्षेत्र की चारों ओर 100 मीटर की परिधि में ग्रीन जोन रखा जाएगा.
इस नई महायोजना में गोडधोइया नाला, रामगढ़ ताल नाला जैसी प्राकृतिक नालों के दोनों और 15-15 मीटर तक बफर जोन रखने का प्रस्ताव है .महायोजना तैयार करते समय शहर को जाम से मुक्त बनाने पर जोर दिया गया है. सभी चौराहों पर जाम का अध्ययन किया गया है. मेट्रो और अन्य परियोजनाओं का बीमा योजना में ध्यान रखा गया है. मेट्रो रूट की दोनों और बाजार स्ट्रीट का भी उपयोग दिया जाएगा. जिससे यह क्षेत्र विकसित हो सके दोनों और वाणिज्यिक विकास हो सकेगा.
रिपोर्टर – कुमार प्रदीप