WhatsApp पर लाखों रुपये कमाने की इस स्कीम के बारे में कोई बताए, तो फंस मत जाना
WhatsApp मैसेंजर इन दिनों कई तरह के फ्रॉड का जरिया बन गया है. उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने ऐसे ही साइबर क्राइम पर लगाम लगाने में एक बड़ी सफलता पायी है. गाजियाबाद पुलिस की साइबर सेल ने मोबाइल टावर ऑनलाइन गेम और सट्टे के नाम पर हो रही ठगी का भंडाफोड़ किया है.
WhatsApp मैसेंजर इन दिनों कई तरह के फ्रॉड का जरिया बन गया है. उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने ऐसे ही साइबर क्राइम पर लगाम लगाने में एक बड़ी सफलता पायी है. गाजियाबाद पुलिस की साइबर सेल ने मोबाइल टावर ऑनलाइन गेम और सट्टे के नाम पर हो रही ठगी का भंडाफोड़ किया है. साथ ही, इसके पीछे शामिल गिरोह का भी खुलासा कर दिया है और दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं.
500 लोगों से ठगी कर चुका है गैंग
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इस गिरोह ने लगभग 500 लोगों को धोखा देकर सवा करोड़ रुपये की ठगी की है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने छात्रों के 4 बैंक अकाउंट्स सीज किये हैं. इनमें से एक खाते में 95 लाख रुपये थे. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के 4 सदस्य अभी फरार हैं. उनकी तलाश जारी है और पुलिस की कई टीमें लगातार छापामारी कर रही हैं. जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी हो जाएगी.
यह था ठगी का तरीका
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साइबर सेल ने आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगया हे कि उन्होंने एक ही सीरीज के मोबाइल नंबर लिये थे. उसी नंबर से कई व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर आरोपी उसमें टावर लगवाने के मैसेज डालते थे. टावर लगवाने के इच्छुक लोगों को 70 से 80 हजार प्रति महीने कमाने के लालच दिया जाता था. ग्रुप के जिस नंबर का रिप्लाई आ जाता था, आरोपी उसे अपना शिकार बना लेते थे. टावर लगवाने के नाम पर दो से ढाई लाख रुपये मांगे जाते थे. रुपये पा लेने के बाद आरोपी ग्रुप बंद कर गायब हो जाते थे.
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