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Gorakhpur News: गीता प्रेस में धर्म के साथ संस्कार भी, प्रकाशित होने वाली पुस्तकों की है लंबी लिस्ट

Gorakhpur News: विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस अपने धार्मिक पुस्तकों के लिए पूरे संसार में जाना जाता है लेकिन गीता प्रेस ने अपने दायित्व को केवल धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन तक ही सीमित नहीं रखा है बल्कि वह नई पीढ़ी को पढ़ना लिखना भी सिखा रही हैै.

Gorakhpur News: विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस अपने धार्मिक पुस्तकों के लिए पूरे संसार में जाना जाता है लेकिन गीता प्रेस ने अपने दायित्व को केवल धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन तक ही सीमित नहीं रखा है बल्कि वह नई पीढ़ी को पढ़ना लिखना भी सिखा रही हैै. गीता प्रेस में प्रकाशित होने वाली पुस्तकों में बच्चों के लिए भी पुस्तके प्रकाशित होती हैं. जिसमें वर्णमाला ,हिंदी बाल पोथी, बाल सहित जैसे पुस्तक के साथ-साथ महापुरुषों के जीवन पर आधारित पुस्तकें शामिल हैं.जिससे बच्चों में संस्कार के साथ-साथ शिक्षा भी मिलती है.

भाषा का ज्ञान करने के लिए गीता प्रेस 1950 से बच्चों के लिए पुस्तक प्रकाशित करता है. गीता प्रेस बच्चों के लिए अब तक 10.24 करोड़ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित कर चुका है. हिंदी भाषा सीखने के लिए गीता प्रेस 6 पुस्तक प्रकाशित करता है. छोटे बच्चों के लिए हिंदी-अंग्रेजी वर्णमाला नाम से पुस्तक हिंदी व गुजराती भाषा में प्रकाशित की जाती है.

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गीता प्रेस बच्चों के लिए इन पुस्तकों को आर्ट पेपर पर रंगीन चित्रों के साथ प्रकाशित करता है जिससे बच्चे चित्र के साथ पढ़ कर सकें. गीता प्रेस में इन पुस्तकों की कीमत 35 रुपये है जबकि बाजार में अन्य प्रकाशनों की बात की जाए तो इस तरह की पुस्तक 150 रुपये से लेकर 200 रूपये में मिलती हैं. गीता प्रेस वर्णमाला का ज्ञान प्राप्त कर चुके बच्चों के लिए रंगीन बाल पोथी शिशु पाठ भाग 1 से 5 तक प्रकाशित करता है जिसमें क्रमशः अक्षर व मात्रा मिलाकर शब्द बनाने शब्दों से वाक्य बनाने की विधि बताई गई है.

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गीता प्रेस महापुरुषों के जीवन पर आधारित प्रेरणादायक कहानियां भी प्रकाशित करता है जो बच्चों में संस्कार पैदा करती है साथ साथ भाषा का भी ज्ञान कराती है. यह पुस्तकें संतों,महापुरुषों, सम्राटों की जीवनी व कथाएं बालक के आचरण, बालक के गुण, बालकों की बातें, पिता की सीख नाम से 100 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित होती हैं. इसमें भगवान राम और कृष्ण की लीलाओं पर आधारित रंगीन सचित्र पुस्तकें भी शामिल है. जिससे बच्चे राम और कृष्ण की बाल अवस्था से लेकर पूरे जीवन काल की जानकारी ले सकें.

रिपोर्ट- कुमार प्रदीप ,गोरखपुर

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