देवताओं के दिव्य लोक में देव दीपावली की छटा कैसी रही होगी, यह तो देवता और ऋषि-मुनि ही जानें, लेकिन देवाधिदेव महादेव की काशी के घाटों पर सोमवार की सांझ की बेला में कार्तिक पूर्णिमा पर जब 21 लाख दीप एक साथ जले तो यहां भी देवलोक सा दृश्य लगा. कार्तिक मास की आखिरी सांझ में अद्भुत, अलौकिक, अनुपम छटा देख इस पल के साक्षी बने लोगों का रोम-रोम पुलकित हो उठा. मान्यता है कि काशी भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी है. ऐसी ही शिव की काशी के आंगन में देवताओं ने सोमवार को देव दीपावली मनाई. इसके साक्षी देश विदेश के आम नागरिकों के साथ ही 70 देशों के राजदूत, 150 डेलीगेट्स और उनके परिवारीजन बने.
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