गोला गोकर्णनाथ विधानसभा उपचुनाव 3 नवंबर को, भारत निर्वाचन आयोग ने जारी किया कार्यक्रम
यूपी के गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव 03 नवंबर को होगा. परिणाम 6 नवंबर को आएगा. खीरी में आदर्श आचार संहिता भी चुनाव की घोषणा के साथ ही लागू हो गयी है.
Lucknow: यूपी के गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव 03 नवंबर को होगा. यह सीट बीजेपी विधायक अरविंद गिरी की मौत के बाद रिक्त हो गयी थी. अरविंद गिरी को चलती गाड़ी में हार्ट अटैक आया था. अस्पताल पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गयी थी. उनकी मौत के एक माह बाद ही उपचुनाव का कार्यक्रम लागू हो गया है.
7 अक्टूबर से नामांकन
भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को 139-गोला गोकर्णनाथ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उप चुनाव की समय सीमा निर्धारित कर दी है. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चंद्रशेखर ने बताया बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के तहत रिक्त हुए विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिये 07 अक्टूबर शुक्रवार को नाम निर्देशन की अधिसूचना जारी की जायेगी. 14 अक्टूबर शुक्रवार नाम निर्देशन की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है.
आचार संहिता लागू
15 अक्टूबर शनिवार को नाम निर्देशनों की जांच, 17 अक्टूबर सोमवार को नाम वापसी की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है. 03 नवंबर 2022 गुरुवार को मतदान होगा. 6 नवंबर रविवार को मतगणना होगी. 08 नवंबर मंगलवार पूर्व उप निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग 139 गोला गोकर्णनाथ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में उप निर्वाचन-2022 के चलते खीरी में आदर्श आचार संहिता 03 अक्टूबर से लागू हो गयी है.
अरविंद गिरी केआकस्मिक निधन से खाली हुई सीट
लखीमपुर खीरी के गोला से पांच बार विधायक रहे अरविंद गिरी का 6 सितंबर को आकस्मिक निधन होने के कारण खाली हुई थी. विधायक लखीमपुर खीरी के गोला से लखनऊ के लिए निकले थे. सिधौली के पास चलती गाड़ी में उन्हें हार्ट अटैक आ गया. इलाज के लिए उन्हें लखनऊ के हिंद हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने विधायक अरविंद गिरी को मृत घोषित कर दिया था.
गोला नगर पालिका अध्यक्ष की जीत से शुरू हुआ था सफर
अरविंद गिरी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1994 में समाजवादी पार्टी से की थी. जब उनकी मौत हुई तब वह 65 साल के थे. पांचवी बार विधायक वह 2022 में बीजेपी के टिकट पर जीत कर बने. 1995 में वह गोला नगर पालिकाध्यक्ष बने थे. इसके बाद 1996 में पहली बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बने. 2000 में वह दोबारा पालिका परिषद गोला के अध्यक्ष बने. 2002 में सपा के टिकट पर दूसरी बार विधायक बने. 2007 में तीसरी बार विधायक बने.