Gola Gokarannath By-Election: गोला में बीजेपी-समाजवाटी पार्टी के बीच जंग आज, 6 नवंबर को आएगा रिजल्ट

लखीमपुर खीरी जिलखीमपुर खीरी जिले में गोला विधानसभा सीट वर्ष 2012 में हुए परिसीमन के दौरान आस्तित्व में आयी थी. पहले इस क्षेत्र को हैदराबाद के नाम से जाना जाता था. आज इसे छोटी काशी भी कहते हैं. बीते विधानसभा चुनाव यहां बीजेपी ने अपना परचम लहराया था.

By Amit Yadav | November 3, 2022 6:44 AM

Gola Gokarannath By-Election: गोला विधानसभा में मतदान आज होगा. छोटी काशी कहे जाने वाली इस विधानसभा के लिये सीएम योगी आदित्यनाथ ने 31 अक्टूबर को अपने भाषण में इसे काशी की तरह की विकसित करने की घोषणा की है. यह सीट 2012 में परिसीमन में आस्तित्व में आयी थी. इससे पहले यह क्षेत्र हैदराबाद के नाम से जाना जाता था. आज यह सीट जीतना बीजेपी के लिये प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है.

2012 में सपा के विनय तिवारी न हासिल की थी जीत

गोला विधानसभा (Gola Gokarannath By-Election) में वर्ष 2012 में हुए चुनाव में समाजवादी पार्टी के विनय तिवारी जीते थे. 2017 के चुनाव में भाजपा के अरविंद गिरि ने उन्हें पछाड़कर चुनाव जीत लिया था. इस सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार विनय तिवारी को कुल 82439 वोट मिले थे. बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार सिम्मी बानो 63110 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं थी.

2017 और 2022 में बीजेपी ने किया था कब्जा

जबकि वर्ष 2017 में गोला गोकर्णनाथ विधानसभा क्षेत्र (Gola Gokarannath By-Election) भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरविंद गिरी जीते थे. उन्हें कुल 122497 वोट मिले थे. समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार विनय तिवारी 67480 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. वह 55017 मतों से हार गए थे. इस बार विनय तिवारी फिर से अमन गिरि के सामने ताल ठोंक रहे हैं.

जातिगत आंकड़े (अनुमानित)

  • पिछड़ी जातियां : 1.46 लाख

  • दलित : 1.27 लाख

  • मुस्लिम : 73 हजार

गोला गोकर्णनाथ विधानसभा में मतदाता (2022)

  • कुल मतदाता : 3,33,048

  • पुरुष : 1,65,085

  • महिला : 1,47,819

जानें कब कौन रहा विधायक!

Gola Gokarannath By-Election: वर्ष 1962 से इस सीट को हैदराबाद विधानसभा के रूप में जाना जाता था. वहीं 2012 में परिसीमन के बाद इस सीट को गोला गोकर्णनाथ विधानसभा का नाम दिया गया. 1962 में यहां कांग्रेस के उम्मीदवार रामभजन विजयी हुए थे. 1967 में राज राजेश्वर जनसंघ से विधायक बने. 1969 और 1974 में कांग्रेस के टिकट पर माखनलाल विधायक बने. 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर राघव राम जीते. 1980 और 1985 में रामभजन लाल कांग्रेस कांग्रेस के टिकट पर जीते.1985 के बाद इस सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व खत्म हो गया और भाजपा के रामकुमार वर्मा लगातार 1989, 1991 और 1993 में चुनाव जीतते रहे.

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