Gorakhpur: नगर निगम के अपर नगर आयुक्त और अधिशासी अभियंता (सिविल) निलंबित, इस वजह से गिरी गाज…

अपर नगर आयुक्त मृत्युंजय को अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता बरतने, योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान न देने तथा अक्सर कार्यालय से गायब रहने और नगर निगम के कार्यों में रुचि न लेने के मद्देनजर सस्पेंड किया गया है.

By Sanjay Singh | December 14, 2022 9:05 PM
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Lucknow: प्रदेश सरकार ने गोरखपुर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त और अधिशासी अभियंता (सिविल) को निलंबित कर दिया है. दोनों ही लंबे समय से सरकारी कार्यों को लेकर उदासीन बने हुए थे और अपनी जिम्मेदारी को ठीक तरह से नहीं निभा रहे थे. इस वजह से इनसे संबंधित कार्यों पर खराब असर पड़ रहा था. इसलिए सरकार ने इन्हे सस्पेंड करने का फैसला किया. वहीं शासन की इस कार्रवाई के बाद से अफसरशाही में हड़कंप मच गया है.

अपर नगर आयुक्त पर ये हैं आरोप

अपर नगर आयुक्त मृत्युंजय को अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता बरतने, योजनाओं के क्रियान्वयन पर ध्यान न देने तथा अक्सर कार्यालय से गायब रहने और नगर निगम के कार्यों में रुचि न लेने के मद्देनजर सस्पेंड किया गया है.

अधिशासी अभियंता (सिविल) ने बरती लापरवाही

वहीं गोरखपुर नगर निगम के अधिशासी अभियंता (सिविल) अतुल पांडेय को भी लापरवाही के आरोप में निलंबित किया गया है. अतुल पांडेय पर अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में शिथिलता बरतने और नगर निगम के कार्यों में कोई रचनात्मक सहयोग प्रदान नहीं करने का आरोप है. इसके साथ ही उन्होंने अनुशासनहीनता की, जिस वजह से सहयोगीय अधिकारियों पर उसका विपरीत प्रभाव पड़ा. वहीं अतुल पांडेय ने नगर निगम के कार्यों में रुचि नहीं ली और नगर आयुक्त नगर निगम गोरखपुर के कार्यालय से जारी कारण बताओ नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया. इन कारणों से उन्हे सस्पेंड किया गया है.

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दोनों मामलों की जांच के लिए अधिकारी नामित

दोनों ही मामले में मृत्युंजय और अतुल पांडेय के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए प्रकरण की जांच के लिए अपर आयुक्त (प्रशासन) गोरखपुर मण्डल, गोरखपुर को जांच अधिकारी नामित किया गया है. वहीं निलम्बन अवधि में मृत्युंजय और अतुल पाण्डेय निदेशक नगर निकाय निदेशालय, लखनऊ के कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे. इस संबंध में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने आवश्यक आदेश जारी कर दिया है.

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