Gorakhpur: सपा नेता सौरभ विश्वकर्मा सहित 15 पर FIR, जान से मारने की दी धमकी, हिंदू युवा वाहिनी से जुड़ा है केस
न्यायालय परिसर में ही नई बिल्डिंग के बाहर मुकदमे के सह अभियुक्त शेखर विश्वकर्मा अपने भाई चंदन विश्वकर्मा और सौरभ विश्वकर्मा और 12–13 लोगों के साथ खड़ा था. इन लोगों ने विवेक गुप्ता को अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे में गवाही नहीं देने की धमकी दी.
Gorakhpur: गोरखपुर के कैंट थाने में सपा नेता और पूर्व पार्षद सौरभ विश्वकर्मा, उसके भाई चंदन विश्वकर्मा और शेखर विश्वकर्मा सहित करीब 15 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ कैंट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.
पुलिस ने आरोपी सहित अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 143 और 506 में मुकदमा दर्ज किया है. आरोप है कि इन लोगों ने विवेक गुप्ता उर्फ विवेक सूर्या को जान से मारने की धमकी दी है. पूर्व पार्षद और सपा नेता सौरभ विश्वकर्मा के छोटे भाई शेखर विश्वकर्मा ने कचहरी में विवेक सूर्या को रोककर अपने खिलाफ गवाही ना देने के लिए धमकी दी.
गवाही देने पर कचहरी के बाहर हत्या कराने की बात कहकर धमकाया गया. उस समय मौके पर उसके दोनों भाई सौरभ विश्वकर्मा और चंदन विश्वकर्मा भी मौजूद थे. जिस समय उन लोगों ने विवेक गुप्ता को धमकी दी, वहां उनका निजी सुरक्षाकर्मी भी मौजूद था. अपनी सूझबूझ से वह विवेक गुप्ता को लेकर वहां से निकल पाया.
विवेक गुप्ता का मंगलवार को एक मुकदमे में न्यायालय में साक्ष्य होना था, जिसके लिए वह न्यायालय जा रहे थे. न्यायालय परिसर में ही नई बिल्डिंग के बाहर मुकदमे के सह अभियुक्त शेखर विश्वकर्मा अपने भाई चंदन विश्वकर्मा और सौरभ विश्वकर्मा और 12–13 लोगों के साथ खड़ा था. विवेक गुप्ता को देखते ही उन लोगों ने वहीं पर उसे रोक लिया और अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे में गवाही ना देने की धमकी दी. कहा गया कि अगर वह उनके खिलाफ न्यायालय में गवाही देगा तो कचहरी के बाहर उसकी हत्या करा दी जाएगी.
जिस समय आरोपी शेखर विश्वकर्मा अपने भाइयों और अन्य साथियों सहित विवेक गुप्ता को धमकी दे रहा था, उस समय विवेक का निजी सुरक्षाकर्मी भी वहां मौजूद था. वह अपनी सूझबूझ के साथ विवेक सूर्या को वहां से ले गया और उसकी जान बचाई.
बताते चलें कि सौरभ विश्वकर्मा और उसके भाई चंदन विश्वकर्मा पर गैंगस्टर सहित कई धाराओं में पहले ही मुकदमा दर्ज है. विवेक सूर्या को धमकी देने के आरोप में पहले पुलिस ने उस समय तत्कालीन पार्षद के भाई चंदन विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पूर्व में हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष रहे सुनील सिंह ने अपने समर्थकों के साथ राजघाट थाने पर पहुंचकर हंगामा किया था. आरोप है कि सुनील सिंह ने चंदन को थाने से छुड़ाने की भरपूर कोशिश भी की थी. पुलिस ने बल प्रयोग कर सुनील सिंह के समर्थकों को खदेड़ा था और 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया था. इस मामले में तत्कालीन भाजपा पार्षद सौरभ विश्वकर्मा भी आरोपी थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बतौर सांसद रहते हुए हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था और वह इस संगठन के संरक्षक थे. विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान हिंदू युवा वाहिनी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने भाजपा से बगावत कर ली थी. इसके बाद उन्हें और उनके समर्थकों को हिंदू युवा वाहिनी से निष्कासित कर दिया गया था. बाद में सुनील सिंह ने हिंदू युवा वाहिनी भारत नाम से नया संगठन बनाया और खुद को उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया. इसी दौरान तत्कालीन हिंदू युवा वाहिनी के मंडल महामंत्री विवेक सूर्या से असली हिंदू युवा वाहिनी और नकली हिंदू युवा वाहिनी को लेकर कहासुनी हुई, इसे लेकर काफी विवाद हुआ था.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर