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Good News: गोरखपुर में बनने जा रहा है सबसे लंबा जॉगिंग ट्रैक, जानिए और क्या सुविधाएं होंगी

गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीडीए) ने इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू कर ली है. गोरखपुर के रामगढ़ताल स्थित वाटर बॉडी 42 एकड़ में फैली हुई है. इसके सुंदरीकरण के बाद गोरखपुर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह आकर्षण का केंद्र भी रहेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | August 22, 2022 1:26 PM

Gorakhpur News: गोरखपुर के रामगढ़ ताल के सामने स्थित वाटर बॉडी के सुंदरीकरण का काम जल्दी शुरू हो जाएगा. गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीडीए) ने इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू कर ली है. गोरखपुर के रामगढ़ताल स्थित वाटर बॉडी 42 एकड़ में फैली हुई है. इसके सुंदरीकरण के बाद गोरखपुर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह आकर्षण का केंद्र भी रहेगा. 42 एकड़ में फैली वाटर बॉडी रामगढ़ताल नौकायान के सामने से अंबेडकर पार्क, वसुंधरा एनक्लेव होते हुए योगीराज बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह के पीछे तक फैली हुई है.

जल्द ही गोरखपुर के रामगढ़ताल के सामने स्थित वाटर बॉडी सुंदरीकरण बनकर तैयार हो जाएगा. इससे यहां आने वाले पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र बनेगा जिससे टूरिज्म को काफी बढ़ावा होगा. रामगढ़ताल नौकायान के सामने से अंबेडकर पार्क वसुंधरा एंक्लेव होते हुई योगी राज बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह के पीछे तक कभी इस ताल में केवल जलकुंभी भरी होती थी. जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह की पहल पर वाटर बॉडी को साफ किया गया इसके बाद सुंदरीकरण की परियोजना भी तैयार की गई.

वाटर बॉडी के चारों ओर करीब ढाई सौ मीटर चौड़ा पाथ वे बनाया जाएगा. करीब 6 किलोमीटर लंबा यह टहलने के लिए शहर का सबसे बड़ा ट्रैक होगा जहां लोग सुबह शाम टहलने के साथ-साथ यहां के सुंदरीकरण का लुफ्त भी उठाएंगे. वाटर बॉडी में नाव चलाने की भी योजना है. वाटर बॉडी में छोटी नाव चलाई जाएगी. इसे अंबेडकर पार्क से भी जोड़ा जाएगा, जहां घूमने आने वाले लोग इस आकर्षण केंद्र का लुफ्त लेंगे.

बनाए जा रहे वाटर बॉडी के किनारे आकर्षण और पर्यावरण को देखते हुए फूल पौधे भी लगाए जाएंगे. नियमित दूरी पर आमजन के बैठने के लिए ब्रेंच की सुविधा भी होगी यहां लोग बैठकर वाटर बॉडी की रमणीयता को निहार सकेंगे. वाटर बॉडी के चारों ओर आकर्षक लाइटें भी लगाई जाएंगी, जिससे शाम को भी लोगों को घूमने में दिक्कत ना हो यह पूरा ट्रैक हरा भरा दिखेगा.

वाटर बॉडी के शुद्धिकरण पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके रखरखाव की जिम्मेदारी एक होटल को दी जाएगी. वाटर बॉडी प्रारंभिक बिंदु से लेकर अंतिम छोर तक छोटी नाव का संचालन किया जाएगा. लोग छोटी नाव से वाटर बॉडी का आनंद ले सकेंगे.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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