Gorakhpur News: सीएम योगी की गोद में शांत बैठी बिल्ली, सोशल मीडिया पर खूब हो रही प्रशंसा

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पशु प्रेम के बारे में तो सभी लोग जानते ही हैं. योगी आदित्यनाथ जब भी गोरखपुर आते हैं तो अपने व्यस्त समय में से कुछ समय गौशाला में गायों, बछड़ों और नदी के बीच बिताते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 1, 2023 3:40 PM
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Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पशु प्रेम के बारे में तो सभी लोग जानते ही हैं. योगी आदित्यनाथ जब भी गोरखपुर आते हैं तो अपने व्यस्त समय में से कुछ समय गौशाला में गायों, बछड़ों और नदी के बीच बिताते हैं.

मुख्यमंत्री योगी अपने स्वान कालू और गुल्लू को भी दुलारते और बिस्किट खिलाते अक्सर दिखाई देते है. पशु प्रेम को लेकर सीएम योगी हरदम चर्चा में रहे हैं. चाहे वह चीते के बच्चे को दूध पिलाते हुए या फिर गिलहरी, बंदर, स्वान, हंस आदि पशु पक्षियों को खिलाते हुए. शनिवार को मुख्यमंत्री अपनी गोद में बिल्ली को लिए बैठे दिखाई दिए. बिल्ली को गोद में लिए अपनी तस्वीर मुख्यमंत्री ने खुद अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर की है.

सीएम योगी की गोद में बैठी हुई बिल्ली

मुख्यमंत्री योगी की गोद में बैठी हुई बिल्ली के साथ यह तस्वीर गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित उनके आवास की है. जब एक जरूरी बैठक कर रहे थे. ट्विटर अकाउंट पर बिल्ली के साथ तस्वीर शेयर करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा है कि “हित अनहित पसु पच्छीऊ जाना “

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. अभी कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में तेंदुए के शावक को गोद में उठाकर दूध पिलाया था. इसके पहले भी उन्होंने का चिता के बच्चे को दूध पिलाते, बंदर के बच्चे को गोद में बैठाकर काम करते हुए तस्वीर खूब वायरल हुई थी.

बल्ली के साथ सीएम योगी  ने शेयर किया फोटो

गोरखपुर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर स्थित अपने कार्यालय में बैठे थे. तभी एक बिल्ली आकर उनकी गोद में बैठ गई. उसके इस अंदाज पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुस्कुराने लगे. काफी देर तक बिल्ली उनकी गोद में बैठी रही. मुख्यमंत्री ने भी उसे खूब दुलारा . मुख्यमंत्री ने बिल्ली के साथ अपनी इस तस्वीर को ट्विटर पर शेयर किया. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर यह तस्वीर खूब वायरल हो रही है.

रिपोर्ट-कुमार प्रदीप, गोरखपुर

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