Gorakhpur News: गोरखपुर में नशे की दवा का सौदा करने वाले दोनों गुप्ता भाइयों को गिरफ्तार करने में गोरखपुर पुलिस अभी तक नाकाम साबित हुई है. दोनों ने अरेस्ट स्टे भी ले लिया है. जिसके बाद अभी तक इन्हें अरेस्ट करने में नाकाम हुई पुलिस अब एक्टिव दिख रही है. गोरखपुर जोन के एडीजी अखिल कुमार ने गूगल मीट पर जोन के पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग की जिसमें उन्होंने मादक पदार्थों और नशीली दवाओं की बिक्री करने वाली लोगों पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. लेकिन पुलिस इसके पहले अगर एक्टिव रहती तो ऐसे नशे के कारोबारी पुलिस के गिरफ्त में होते.
एडीजी जोन ने नशे के कारोबारियों और नशा करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए काफी दिनों से अभियान शुरू किया है और काफी लोग पुलिस के गिरफ्त में भी आए हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि जो बड़े नशे के सौदागर है वह अभी तक पुलिस के चंगुल से बाहर क्यो हैं. एडीजी ने सभी डीआईजी और पुलिस कप्तानों से इस संबंध में की गई अब तक की कार्रवाई की समीक्षा की है.
इस दौरान नशीली दवाओं के सौदागरों पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए कार्ययोजना भी उन्होंने बनाई है. पुलिस अधिकारियों ने एडीजी को इस बारे में पूरी जानकारी भी दी है. एडीजी जोन अखिल कुमार ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मादक पदार्थों के मुख्य सप्लायर और बिक्रेता कौन हैं, इसकी जानकारी लें. मादक पदार्थों की सप्लाई के चेन को समझें उस पर कार्रवाई करें .
उन्होंने कहा कि, नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के साथ पकड़े गए व्यक्तियों से विशेष पूछताछ कर पुलिस उनके सोर्स तक पहुंचे .जिससे यह चेन टूटे और ऐसे नशे के कारोबारी सलाखों के पीछे रहें. एडीजी ने भारत नेपाल बॉर्डर पर बने चेकिंग पॉइंट, वॉच टावर और कंट्रोल रूम की समीक्षा करते हुए नशे के कारोबारियों पर निगरानी करने के निर्देश दिए.
एडीजी ने कहा कि नेपाल बॉर्डर पर बॉर्डर ड्रग ट्रैफिकिंग पर भी एसएसबी संग मिलकर निगरानी की जाए. एडीजी जोन अखिल कुमार ने नेपाल बॉर्डर में मादक पदार्थों की तस्करी के संबंध में भी कड़े एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं. नशे के कारोबार में लिप्त अपराधियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के साथ ही उनकी संपत्ति जप्त करने और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की भी समीक्षा की है.
रिपोर्टर- कुमार प्रदीप, गोरखपुर