Gorakhpur Crime: 50 हजार के इनामी पशु तस्कर तौसीफ को STF ने दबोचा, सोशल मीडिया पर Reel बनाने का है शौक
तौसीफ इतना शातिर है कि पशु तस्करी करते वक्त अगर पुलिस भी उसके सामने आ जाती थी, तो वह उन्हें भी मारने में पीछे नहीं हटता था. तौसीफ कभी पुलिसवालों पर गाड़ी चढ़ाकर तो कभी पत्थर चलाकर फरार हो जाता था. अपने आप को घिरा देखकर उसने पुलिस पर गोली भी चलाई है.
Gorakhpur: गोरखपुर एसटीएफ ने 50 हजार के इनामी पशु तस्कर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. पशु तस्कर नेपाल भागने की फिराक में था. पुलिस ने उसके पास से असलहा, कारतूस, समेत ड्राइविंग लाइसेंस, मोबाइल फोन और आधार कार्ड बरामद किया है. पकड़े गए पशु तस्कर की पहचान तौसीफ आलम के रूप में हुई है.
बेहद शातिर है पशु तस्कर
एसटीएफ के मुताबिक पशु तस्कर कुशीनगर जिले के सेमरा हरदो कठकुईया का रहने वाला है. इस शातिर अपराधी इस पर गोरखपुर के कैंट, रामगढ़ताल, चिलुआताल और चौरीचौरा थाना में 13 मुकदमे दर्ज हैं. एसटीएफ ने मंगलवार को मुखबिर की सूचना पर कोतवाली इलाके के तरंग रेलवे क्रॉसिंग के पास से गिरफ्तार किया है.
पुलिस पर कर चुका है हमला
तौसीफ इतना शातिर है कि पशु तस्करी करते वक्त अगर पुलिस भी उसके सामने आ जाती थी, तो वह उन्हें भी मारने में पीछे नहीं हटता था. तौसीफ कभी पुलिसवालों पर गाड़ी चढ़ाकर तो कभी पत्थर चलाकर फरार हो जाता था. अपने आप को घिरा देखकर उसने पुलिस पर गोली भी चलाई है. वह अब तक लगभग 12 पुलिस जवानों पर हमला कर उन्हें घायल कर चुका है. लेकिन, गोरखपुर एसटीएफ ने आज उसे धर दबोचने में सफलता हासिल की है.
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डॉन के डायलॉग के साथ फोटो सोशल मीडिया पर की वायरल
तौसीफ सोशल मीडिया पर रील भी बनाता है. खुद को डॉन समझने वाला तौसीफ ने डॉन फिल्म के डायलॉग के साथ अपने फोटो लगाकर सोशल मीडिया पर वायरल की है. एसटीएफ की पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर पशु तस्करी करता था.
साथियों के साथ मिलकर वारदात को देता है अंजाम
गैंग के साथ वह रोज गोरखपुर आता है और फिर गोरखपुर के खोराबार, राजघाट, पिपराइच, तिवारीपुर, रामगढ़ताल, गुलरिहा इलाके में पशुओं की चोरी करता है. इस बीच उसका सामना पुलिस या आम जनता से हो जाता था, तो वह उन पर हमें भी कर देता था. पूछताछ में उसने बताया कि वह जिस पिकअप गाड़ी से आता था वह काफी बेहतर हालत में रहती है, जिससे तस्करी कर भागते वक्त रास्ते में पकड़ा न जाए.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर