Mathura News: सूर्य ग्रहण की वजह से दीपावली के पांच दिवसीय त्योहार में शामिल गोवर्धन पूजा में 1 दिन का विलंब हो गया. आज सुबह 6: 29 बजे से 8: 43 तक लोग गोवर्धन की पूजा कर सकेंगे. ब्रज क्षेत्र में गोवर्धन का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. ऐसे में आज गोवर्धन महाराज को अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा. मथुरा के गोवर्धन में सुबह से ही सैकड़ों भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन के लिए पहुंचना शुरू कर दिया है.
गोवर्धन का त्यौहार मंगलवार की जगह बुधवार को बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज सुबह से ही लोग गोवर्धन बनाने के लिए जगह-जगह तैयारियों में जुट गए हैं. मथुरा जिले में इस त्योहार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. आज ही लाखों की संख्या में भक्तजन गिरिराज महाराज की परिक्रमा लगाने के लिए भी पहुंचने लगे हैं.
मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र में स्थित भगवान गोवर्धन महाराज को आज विशिष्ट व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. उनके लिए तमाम व्यंजन से तैयार किए गए अन्नकूट का भोग लगेगा. क्योंकि मान्यता के अनुसार गोवर्धन पूजा के दिन 56 या 108 तरह के पकवानों का श्री कृष्ण को भोग लगाना शुभ माना जाता है और इसी को अन्नकूट कहते हैं.
गोवर्धन का पर्व वैसे तो पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन वही इस पर्व पर ब्रज क्षेत्र में सबसे ज्यादा भीड़ गोवर्धन क्षेत्र में रहती है. यहां के दानघाटी मंदिर, हर गोकुल मंदिर, मानसी गंगा, गिर्राज मुकुट मुखारविंद मंदिर, जतीपुरा मुखारविंद मंदिर आदि मंदिरों पर सैकड़ों हजारों की संख्या में भक्तजन पहुंच कर अपने आराध्य की पूजा करेंगे और गोवर्धन पर्व को धूमधाम से मनाएंगे .
गोवर्धन क्षेत्र के अलावा वृंदावन में भी गोवर्धन पूजा का महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. वृंदावन के इस्कॉन टेंपल में करीब 2 कुंटल सूजी से बने गिरिराज जी की देशी और विदेशी भक्त पूजा करेंगे. उसके बाद इस प्रसाद को लोगों में वितरित किया जाएगा.
वृंदावन के राधा दामोदर मंदिर में भी गिर्राज महाराज को अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा और लोग उनकी परिक्रमा भी करेंगे. मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि राधा दामोदर मंदिर में चार परिक्रमा लगाने से गोवर्धन की एक परिक्रमा का फल प्राप्त होता है. लोगों के अनुसार यहां पर रूप गोस्वामी के साथ आए सनातन गोस्वामी रोजाना गोवर्धन की परिक्रमा किया करते थे.
जब वह वृद्ध हो गए तो उन्हें परिक्रमा करने में परेशानी का सामना करना पड़ा. ऐसे में उन्होंने भगवान से प्रार्थना की जिसके बाद श्री कृष्ण भगवान प्रकट हुए और उन्हें गोवर्धन पर्वत की एक की एक शिला उन्हें दी जिस पर भगवान के चरण चिन्ह, गाय के खुर, मुरली और छड़ी के निशान थे. उसके बाद श्री कृष्ण ने उनसे कहा कि इसकी चार परिक्रमा करने से आपको गोवर्धन की एक परिक्रमा का फल प्राप्त होगा. उसके बाद से ही यह शिला राधा दामोदर मंदिर में विराजमान है और लोग इसकी परिक्रमा लगाते हैं.
रिपोर्ट: राघवेंद्र सिंह गहलोत