लखनऊ: सरकार अब बिना खर्च किए झोपड़पट्टी में रह रहे लोगों के जीवन में बदलाव लायेगी. जमीन सरकारी होगी, लेकिन गरीबों के लिए आशियाना निजी कंपनी अपने खर्च पर तैयार करेगी. सरकार झोपड़पट्टी वाली जगह पर निजी कंपनी को व्यावसायिक उपयोग की छूट देगी. ऐसा होने पर बिना किसी खर्च के शहर को झोपड़पट्टी से मुक्त किया जा सकेगा. इसकी शुरुआत लखनऊ से होगी.
परियोजना का प्रजेंटेशन प्रमुख सचिव नगर विकास के समक्ष हो चुका है. जल्द ही नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल’ भी इसकी जानकारी लेंगे. सब कुछ सही रहा तो कैबिनेट से मंजूरी लेकर योजना से गरीबों को बेहतर माहौल में जीने का हक दिया जा सकेगा. यह योजना प्रधानमंत्री आवास योजना का हिस्सा होगी. इन फ्लैटों में रहने वालों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी.
नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल’ का कहना है कि यह योजना बेहद लाभकारी साबित होगी. अभी तक झोपड़पट्टी को हटाकर वहां अपार्टमेंट बनाने और अन्य सुविधाएं देने पर सरकारी रकम खर्च होती थी, लेकिन अब सरकार का पैसा खर्च नहीं होगा. योजना सफल रही तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा.
विनायकपुरम के पास की जमीन योजना के लिए चिह्नित की गयी है. यहां 320 झोपड़पट्टी हैं. लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बसी इन झोपड़पट्टियों में रहने वालों को उसी जगह फ्लैट दिये जायेंगे. जमीन लोक निर्माण विभाग से लेने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में जायेगा.
गरीबों का आशियाना तैयार करने वाली निजी कंपनी को व्यावसायिक उपयोग के लिए जमीन दी जायेगी, जिससे वह अपना खर्च निकाल सके. रिंग रोड से मुंशी पुलिया के बीच की सड़क व्यावसायिक उपयोग के लिए उपयुक्त होगी. करीब दो हजार से 2500 वर्ग मीटर की जमीन निजी कंपनी को दी जानी है.