गोरखपुर पुलिस का FIR लिखने में गिरा ग्राफ, एडीजी के आदेश पर चल रहे पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम का खुलासा

6 महीने लगातार चले इस सर्वे के बाद गोरखपुर की आईजीआरएस रिपोर्ट देखकर एडीजी खुश हुए लेकिन एफआईआर का गिरता ग्राफ देकर उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की है. एडीजी की ओर से कराए जा रहे सर्वे में यह भी सामने आया है कि गोरखपुर पुलिस एफआईआर लिखने से कतराती है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 15, 2022 4:44 PM

Gorakhpur News: गोरखपुर एडीजी अखिल कुमार ने पुलिस की परफॉर्मेंस जानने के लिए मार्च महीने से ही पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम शुरू किया है. फाइव पिलर्स पर पब्लिक से पुलिस का फीडबैक लिया गया है. इसका लगातार सर्वे भी हो रहा है. 6 महीने से एडीजी इस सर्वे रिपोर्ट को खुद देख रहे हैं. 6 महीने लगातार चले इस सर्वे के बाद गोरखपुर की आईजीआरएस रिपोर्ट देखकर एडीजी खुश हुए लेकिन एफआईआर का गिरता ग्राफ देकर उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की है. एडीजी की ओर से कराए जा रहे सर्वे में यह भी सामने आया है कि गोरखपुर पुलिस एफआईआर लिखने से कतराती है. इससे पीड़ितों को थाने का बार-बार चक्कर लगाना पड़ता है.

मुकदमा दर्ज करने में हो रही आनाकानी

पुलिस का यह रवैया हरदम सामने आता है कि थाने पर पुलिस पीड़ितों का मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी करती है. इसके बाद पीड़ित उच्चाधिकारियों से लेकर योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में पहुंचते हैं. यह बात गोरखपुर एडीजी अखिल कुमार की ओर से कराए जा रहे सर्वे में भी सामने आई है. यही वजह है कि अगस्त महीने के सर्वे में केवल 11.4 प्रतिशत पब्लिक ने मुकदमा को लेकर संतोष जाहिर किया है जबकि मार्च में सर्वे हुआ था तो 30.22 फीसदी पब्लिक ने संतोष जाहिर किया था.

6 महीने में FIR और IGRS का ग्राफ

  • मार्च – 30.22%  – IGRS का प्रतिशत -25.47%

  • अप्रैल – 27.02% -IGRS का प्रतिशत -28.05%

  • मई – 23% – IGRS का प्रतिशत – 26.04%

  • जून – 16.06% – IGRS का प्रतिशत – 19.04%

  • जुलाई – 23.05% – IGRS का प्रतिशत -57.04%

  • अगस्त – 11.04% – IGRS का प्रतिशत – 35.01%

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गोरखपुर सबसे पीछे

एडीजी द्वारा कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि गोरखपुर पुलिस को ट्विटर पर पब्लिक का अच्छा सपोर्ट मिला है. पीआरवी के परफॉर्मेंस से पब्लिक संतुष्ट दिखी है. गोरखपुर मंडल के चारों जिले के पब्लिक अप्रूवल रेटिंग की बात की जाए तो अगस्त महीने में गोरखपुर 55.55%, देवरिया 7.13%, कुशीनगर 65.37% और महाराजगंज 62.38% पर है. इस रेटिंग के हिसाब से गोरखपुर सबसे पीछे है.

कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर उठेगा

एडीजी की ओर से चलाये जा रहे पब्लिक अप्रूवल सिस्टम से पुलिस की कार्यप्रणाली में काफी सुधार आया है. एडीजी अखिल कुमार ने बताया कि गोरखपुर पुलिस का एफआईआर को लेकर अच्छा फीडबैक नहीं मिल रहा है. इसमें सभी थानों की पुलिस को सुधार लाना होगा. कोई भी पीड़ित अगर थाने से बिना न्याय पाए वापस जाता है तो प्रभारी की कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर उठेगा.

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रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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