Ground Breaking Ceremony 3.0: उद्योगपतियों को करोड़ों की भूमि कौड़ियों में दे रही सरकार: संजय सिंह

कांग्रेस नेता संजय सिंह ने बीजेपी सरकार की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी को लेकर तंज कसा है. उनका कहना है ये सेरेमनी पूरी तरह से छलावा है. सरकार उद्योगपतियों के लिये काम कर रही है. जबकि नौजवान बेरोजगार, किसान व जनता परेशान है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2022 6:58 PM

Ground Breaking Ceremony : कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी को दिखावा बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता संजय सिंह का कहना है कि इस पूरे आयोजन का मकसद कौड़ियों की कीमत पर उद्योगपतियों को करोड़ों की जमीन लुटाना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश को विकास की पटरी से बहुत दूर कर दिया है.

जनता नहीं समझ पा रही क्या हो रहा?

संजय सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी इन्वेस्टर समिट करा रही है. जिसका शाब्दिक अर्थ उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता समझ पाने में असमर्थ है. समिट में प्रधानमंत्री मौजूद थे. यह डबल इंजन की सरकार पहले भी दो बार उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर समिट करा चुकी है, लेकिन उत्तर प्रदेश सबसे ग़रीब प्रदेशों की सूची में तीसरे नंबर पर पड़ा हुआ है. पिछली समिट के क्या नतीजे रहे, तमाम समझौतों का ज़मीन पर क्या असर पड़ा, सरकार यह बता पाने में असफल रही है.

Also Read: Ground Breaking Ceremony 3.0 में PM नरेंद्र मोदी की कही गईं 10 बड़ी बातें, सफल आयोजन पर CM योगी को बधाई

कांग्रेस नेता ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी इस समय चरम पर है, पर सरकार समिट के माध्यम से उद्योगपति मित्रों को खुश करने में लगी हुई है. ऐसा लगता है कि सरकार ऐसे इन्वेस्टर समिट सिर्फ अपने उद्योगपति मित्रों के हित में करती है, जिसका शिक्षित नौजवानों, किसानों और प्रदेश की गरीब जनता का कोई लाभ नहीं मिलता.

GBC 3 नौजवानों के पलायन पर्दा डालने का आयोजन

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की एक लंबी फौज खड़ी होती जा रही है. नौजवान प्रदेश से पलायन करने को मजबूर हैं। सरकार इन्वेस्टर्स समिट की चकाचौंध के माध्यम से नौजवानों के पलायन पर पर्दा डालना चाह रही है. सरकार को पूर्व में हुए इन्वेस्टर्स समिट पर श्वेत पत्र लाना चाहिए और प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि पहले की समिट से प्रदेश की जनता को क्या लाभ हो रहा है?

समिट के माध्यम से उद्योगपतियों को करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव दी जा रही है, मगर नौजवान और किसान पलायन या आत्महत्या को मजबूर है सरकार को नौजवानों और किसानों की मूल समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version