Lucknow: सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुजरात विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान शनिवार को विरमगाम विधानसभा क्षेत्र में रोड शो किया. यहां से भाजपा ने हार्दिक पटेल को मैदान में उतारा है. जनता ने केसरिया फहराकर सीएम योगी को जय श्रीराम किया. गगनचुंबी नारों, पुष्प वर्षा और ढोल नगाड़ों से उनका स्वागत व सम्मान किया गया तो योगी आदित्यनाथ ने भी हाथ हिलाकर गुजरात की जनता का अभिवादन किया. इससे पहले सीएम योगी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया.
रोड शो के दौरान योगी आदित्यनाथ की झलक पाने को लोग छतों, वाहनों और दीवारों पर खड़े रहे. पूरा विरमगाम सिर्फ योगी योगी की गूंज से गुंजायमान हो गया. रोड शो के दौरान कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता की जबरदस्त भीड़ रही. लोग योगी आदित्यनाथ की झलक अपने मोबाइल में कैद करते रहे. सीएम योगी ने भी उन्हें निराश नहीं किया, बल्कि मुस्कुरा कर सभी का अभिवादन किया. युवा सीएम योगी को हाथ जोड़कर प्रणाम करते भी दिखे तो महिलाएं भी उनकी झलक देखने रोड शो में आयीं.
योगी आदित्यनाथ के रोड शो के दौरान खचाखच भीड़ रही. सामने से आ रही एंबुलेंस को रास्ता दिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथ से इशारा कर लोगों को किनारे होकर रास्ता देने को कहा. इससे सुगमता से एंबुलेंस निकल सकी. रोड शो के दौरान गीत-संगीत भी खूब हुए। मुझे चढ़ गया भगवा रंग-रंग, जो राम को लाये हैं… आदि गीत बजते रहे. गुजरात की जनता ने इन गीतों के जरिए भी गोरक्षपीठाधीश्वर का गुजरात की धरती पर स्वागत किया.
जनपद अहमदाबाद, गुजरात के विरमगाम विधान सभा क्षेत्र में आयोजित रोड शो में… https://t.co/FXnj22chSJ
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 26, 2022
पीएम मोदी के गृह राज्य में उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की धुआंधार रैली रही. शनिवार को चौथे दिन भी उन्होंने तीन जनसभाएं की. रैली का आगाज उन्होंने भगवान सोमनाथ के मंदिर में दर्शन व पूजन-अर्चन से किया. इसके बाद तीनों विधानसभा सोमनाथ, गरियाधार और सावरकुंडला में जनसभा की. वे यहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर पूरी तरह से हमलावर रहे.
अमरेली जनपद की सावरकुंडला विधानसभा के प्रत्याशी महेश भाई कशवाला के लिए वोट मांगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया. हर नागरिक को अहसास कराया गया कि देश के प्रति सिर्फ अधिकार नहीं, कर्तव्य भी है. इस बार यहां कांग्रेस पहले ही हार स्वीकार कर चुकी है. दोनों भाई-बहन चुनाव से गायब हैं. यही उनकी हार का परिणाम है. यह सब भारतीय राजनीति के नमूने हैं। इन्हें देखकर आनंद लेना चाहिए, इन पर विश्वास नहीं करना चाहिए.