Varanasi News: मुफ्ती ए बनारस अब्दुल बातिन नोमानी ने ज्ञानवापी मस्जिद का नाम आलमगीर बताया है, जिसे लेकर बड़ी ईदगाह के इमाम ने सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह नाम पहली बार सुना है. वहां पर शाही मस्जिद का नाम अंकित है और ज्ञानवापी नाम से जाना जाता है. ऐसे में आलमगीर नाम कहां से आया. इस बारे में मुफ्ती ए बनारस से मिलकर बात करेंगे और जानने का प्रयास करेंगे.
ज्ञानवापी पर ओवैसी की बयानबाजी को लेकर इमाम मुफ्ती शमीम अहमद ने कहा कि वह हैदराबाद और कर्नाटक के लिए ही मसला (समस्या) है, ओवैसी बैरिस्टर है वह किस नजरिया से क्या देख रहे हैं किसी को नहीं पता. ऐसा नहीं है कि ओवैसी मुस्लिमों के रहनुमा हैं. मुस्लिम भी उन्हें उस निगाह से नहीं देखते और वह मुस्लिमों के लिए जो बोल देंगे वही आखरी बात होगी ऐसी कोई बात नहीं है.
बड़ी ईदगाह के इमाम ने कहा कि जुमे की नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में मुस्लिमों की भीड़ बढ़ रही है. मामले में इतना हल्ला हो रहा है मानो कोई बड़ा हादसा शहर में होने वाला है. इतनी भीड़ ज्ञानवापी मस्जिद में आ रही है कि अंजुमन इंतजामिया की तरफ़ से अपील की जा रही हैं कि आप अपनी मस्जिदों में नमाज पढ़ें. कोर्ट का काम उसे करने दें. मगर पब्लिक में एक बेचैनी है वो धीरे-धीरे शांत होगी.
उन्होंने कहा कि, असदुद्दीन ओवैसी पता नहीं क्यूं इतना ज्यादा इस मसले पर बोल रहे हैं. जबकि राहुल गांधी, अखिलेश यादव, सीएम योगी आदित्यनाथ किसी का भी बयान अब तक नहीं आया है, लेकिन ओवैसी साहब को ही ज्यादा बयान देने का शौक हो गया है. बड़े अफसोस के साथ कहूंगा की धर्म की आड़ में राजनीति करने वाले ये नेता लाश के ऊपर भी अपनी राजनीति मुकम्मल करने से बाज नहीं आते. इसलिए मैं सभी मुस्लिम भाईयों से ये अपील करना चाहूंगा कि आने वाली जुम्मे की नमाज़ पर अपने-अपने मस्जिदों में ही नमाज पढ़ें. ज्ञानवापी में भीड़ इक्कठी करने से जितना हो सके उतना बचें.
रिपोर्ट- विपिन सिंह