Gyanvapi Masjid Case: विश्व वैदिक सनातन संघ की केंद्र सरकार से मांग, PFI पर तत्काल प्रभाव से लगे प्रतिबंध
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने गृह मंत्री अमित शाह से PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि,पीएफआई की भूमिका की विधिवत जांच हो.
Varanasi News: ज्ञानवापी मामले की अगली सुनवाई जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में 30 मई को होनी है. इस बीच पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को लेकर नया विवाद छिड़ गया है. जितेंद्र सिंह बिसेन ने गृह मंत्री अमित शाह से PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पहले भी मांग कर चुके हैं. अब एक बार फिर पत्र भेज कर मांग की है.
पीएफआई की भूमिका की विधिवत जांच हो- बिसेन
उन्होंने कहा कि, राष्ट्र विरोधी ताकतों को लेकर हमें सदैव गंभीर रहना चाहिए. हम निर्धारित न्यायिक प्रक्रिया के तहत हर काम कर रहे हैं, और हमारी मानसिकता देश विरोधी नहीं है. हमें न्यायालय के आदेश पर पूरा भरोसा है. लगभग एक माह पहले PFI पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी और एक बार फिर अपनी उसी मांग को दोहरा रहे हैं, कि उनकी भूमिका की विधिवत जांच हो.
वाराणसी के ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण को लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने कहा है कि, मुस्लिम पूजास्थलों के खिलाफ जारी चालों का विरोध करें. इसके साथ ही PFI ने न्यायालय के आदेशों को लेकर भी निराशा जताई है. इसे लेकर विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने शुक्रवार को वाराणसी में नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि, कि हमने गृह मंत्री अमित शाह से PFI पर सख्ती से प्रतिबंध लगाने की मांग पहले भी की थी और अब एक बार फिर पत्र भेज कर की है.
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने कहा कि ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े वीडियो को पब्लिक प्लेटफार्म पर न लाया जाए, क्योंकि वो एक एविडेन्स है और सबूत किसी भी रूप में वादी- प्रतिवादी और न्यायालय तक ही सीमित रहता है. जब तक कि उस मुकदमें का निपटारा पूरी तरह से न होने पाए. जब तक फैसला न हो जाये कोर्ट में तब तक यह सबूत कहीं से भी पब्लिक प्रोपर्टी नहीं मानी जाएगी.
मीडिया भी इस फिराक में लगी रहती है कि कहीं से कुछ वीडियो मिल जाए तो चैनल पर चला दिया जाए. प्रतिवादी पक्ष की ओर से वायरल वीडियो साफ सफाई का वीडियो है, और लिमिटेड दायरे तक का वीडियो है, लेकिन ये वीडियो लिमिटेड दायरे के नहीं हैं, पूरे ज्ञानवापी परिसर के हैं. ये सामने अभी न आये तो ज्यादा बढ़िया है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह