Gyanvapi: अन्न-जल त्याग शिवलिंग की पूजा पर अड़े अविमुक्तेश्वरानंद के वजन में भारी कमी, संत समाज चिंतित
स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद ने संतों के साथ 4 जून को ज्ञानवापी परिसर में पूजन करने का ऐलान किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें प्रतिबंधित स्थान पर जाने से रोक गया. साथ नजर बंद भी कर लिया है. पूजा की जिद पर अड़े स्वामी ने अन्न-जल त्याग दिया है, जिसके बाद से उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही है.
Varanasi News: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की पूजा की मांग करने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने केदार घाट स्थित विद्यामठ से बाहर निकलने से रोक दिया है. इससे नाराज स्वामी मठ में कल से अनशन पर बैठे हुए हैं. शनिवार से ही स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अन्न जल का त्याग कर दिया है.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के स्वास्थ्य में गिरावट
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का स्वास्थ्य गिरने लगा है. विद्यामठ से प्रेस रिलीज जारी कर के बताया गया कि स्वामी के अन्न जल ग्रहण न करने से 24 घंटे में उनका वजन 3 किलो घट गया है, और शुगर लेवल 44 चला गया है. ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग के पूजन का मामला जोर पकड़ने लगा है. इसे लेकर अब संत समाज भी मुखर हो उठा है. ज्ञानवापी प्रकरण पर न्यायालयों में दायर याचिकाएं विचाराधीन है.
जुलाई में होगी ज्ञानवापी मामले की सुनवाई
वाराणसी जिला कोर्ट जुलाई में मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई करेगी. इस बीच संत समाज ने आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि जब तक हम दर्शन-पूजन नहीं कर लेते तब तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे. वहीं इन सब के बीच में शनिवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है और पूजा पाठ की अनुमति मांगी है.
साथ ही साथ त्वरित न्याय के लिए न्यायालय में अवकाश के मद्देनजर इस बात की सुनवाई के लिए वेकेशन जज से सुनवाई करवाने की मांग की है, जिला जिला जज ने इस मामले में सुनवाई के लिए 6 जून की तारीख निर्धारित की है. वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने मठ के आस पास सुरक्षा के मद्देनजर एसीपी भेलूपुर, एसीपी सुरक्षा, एसीपी दशाश्वमेध सहित 10 थाने की फोर्स के साथ एलआईयू और पीएसी के जवान तैनात कर दिए हैं.
डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने बताया कि, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ज्ञानवापी में दर्शन पूजन के लिए लिखित तौर पर दो अर्जियां भेजी हैं, जिनका जवाब हमने उन्हें लिखित तौर पर दे दिया है. हम न्यायालय के आदेशानुसार प्रतिबंधित जगह पर जाकर दर्शन पूजन करने की अनुमति नहीं प्रदान कर सकते हैं. इसलिए लॉ एंड ऑर्डर को किसी भी सूरत में प्रभावित न किया जाए इसके लिए एहतियातन पुलिस फोर्स तैनात की गई है. जो भी इस आदेश की अवमानना करेगा. उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट- विपिन सिंह