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Gyanvapi Masjid : अखिलेश यादव बोले, बीजेपी जानबूझकर करती है ज्ञानवापी मस्जिद की तरह के घटनाक्रम

Akhilesh Yadav ने मंगलवार को आजमगढ़ में कहा कि उत्तर प्रदेश इन दिनों गर्मी की भीषण तपिश में झुलस रहा है. बिजली व्यवस्था बेपटरी होने से गांव, कस्बों और शहरों में जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त है. उद्योग धंधे भी प्रभावित हो रहे हैं. कई इलाकों में जल संकट से हालात ज्यादा बिगड़ गए हैं.

Lucknow: ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने मंगलवार को आजमगढ़ में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद और इस तरह के घटनाक्रम भाजपा जानबूझकर करती है. इसमें या तो बीजेपी खुद होती है या उनके अदृश्य मित्र होते हैं. क्योंकि बीजेपी बुनियादी सवालों का जबाव नहीं देना चाहती.

अखिलेश यादव ने कहा कि जिस समय हम और आप इस बहस को देख रहे थे, तब पता नहीं देश की कौन सी चीज बिक रही थी. जब कभी ऐसी चीजें दिखाई जाएंगी याद रखना देश की कोई चीज बिक रही होगी. मुझे लगता है कि इन घटनाओं को दिखाकर वन नेशन वन उद्योगपति की नीति पर बीजेपी काम कर रही है.

सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश इन दिनों गर्मी की भीषण तपिश में झुलस रहा है. बिजली व्यवस्था बेपटरी होने से गांव, कस्बों और शहरों में जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त है. उद्योग धंधे भी प्रभावित हो रहे हैं. कई इलाकों में जल संकट से हालात ज्यादा बिगड़ गए हैं. मौसम वैज्ञानिक पहले चेतावनी दे चुके थे कि इस वर्ष गर्मी बढ़ेगी. लेकिन भाजपा सरकार ने इस आपात स्थिति के समाधान पर ध्यान नहीं दिया. भाजपा सरकार और ऊर्जामंत्री के बयानों के बल पर ही गवर्नेंस का नाटक करते रहे. बिजली-पानी संकट के समाधान पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया.

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बिजलीआपूर्ति में बीजेपी सरकार लापरवाह

यूपी के 3 करोड़ से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं की मांग 6 करोड़ 60 लाख किलोवाट की है. लेकिन 132 किलोवाट विद्युत सब स्टेशनों की क्षमता मात्र 5 करोड़ 21 लाख किलोवाट की है. सरकार मांग और आपूर्ति के बढ़ते अंतर के बावजूद लापरवाह बनी हुई है. जनता को इस तरह जानबूझकर गर्मी की आग में तपने के लिए भाजपा सरकार ने छोड़ दिया है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार और उत्तर प्रदेश शासन की अकर्मण्यता का हाल यह है कि गोरखपुर में ही बड़ी संख्या में बिजली उपभोक्ता अघोषित कटौती से जूझ रहे हैं. घरों के नलों में जल नहीं होने के कारण कई मोहल्लों के लोग खरीद कर पानी पीने को मजबूर हैं. मेरठ में 200 हैंडपंप खराब पड़े हैं. भाजपा सरकार की पर्याप्त और अबाध बिजली देने की थोथी घोषणाओं की पोलपट्टी खुल चुकी है.

बीजेपी सरकार की कुनीतियों से बिजली संकट 

बीजेपी सरकार की कुनीतियों के चलते बिजली संकट तो पैदा हुआ ही है, संकीर्ण मानसिकता और बदले की भावना के चलते प्रदेश के हालात बिगड़ रहे हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार में बिजली उत्पादन बढ़ाने के गंभीर प्रयास हुए थे. भाजपा सरकार ने एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं किया है.

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