ज्ञानवापी मस्जिद का दोबारा होगा सर्वे, कल तारीख पर लगेगी मुहर, कमिश्नर बदलने पर भी होगी सुनवाई
श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद केस में सर्वे की प्रक्रिया दोबारा शुरू करवाई जाएगी. अभी तक सिर्फ एक ही दिन सर्वे हो पाया था और अगले दिन वो प्रक्रिया नहीं हो पाई थी. ऐसे में अब कोर्ट एक नई तारीख का ऐलान करने वाली है.
Varanasi News: श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद केस में भारी हंगामे के बीच अधूरे रह गए सर्वे को दोबारा अंजाम दिया जाएगा. इसके लिए कोर्ट मंगलवार को दोपहर 2 बजे दोबारा सुनवाई करेगा. बीते शुक्रवार को सर्वे के पहले दिन दोनों पक्षों में हो रही तेज नारेबाजी के बाद सर्वे का काम अधर में रह गया था. इस मामले में कमिश्नर को बदलने के लिए भी याचिका दायर की गई है, जिसपर भी सुनवाई होगी.
कल दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई होगी
श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद केस में सर्वे की प्रक्रिया दोबारा शुरू करवाई जाएगी. अभी तक सिर्फ एक ही दिन सर्वे हो पाया था और अगले दिन वो प्रक्रिया नहीं हो पाई थी. ऐसे में अब कोर्ट एक नई तारीख का ऐलान करने वाली है. कल दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई होने जा रही है. इस मामले में कुल तीन का दिन का सर्वे प्रस्तावित था. मगर भारी की वजह से दो दिन के अंदर ही ये सर्वे बीच में ही रोक देना पड़ा था.
9130 फाइल में सब साफ अंकित है…
अधविक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने श्रृंगार गौरी व ज्ञानवापी प्रकरण में कोर्ट में हुई सुनवाई को लेकर बताया कि कोर्ट में प्रतिवादी संख्या 4 ने अधिवक्ता कमिश्नर पर प्रश्नचिन्ह उठाते हुए कहा कि ये निष्पक्ष जांच नहीं कर रहे थे. इसलिए इन्हें बदलने की करवाई की जाए. इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई और न्यायालय ने इसे सुरक्षित करते हुए इस पर अपना फैसला सुनाएगी. सुनवाई के बाद इस पर निर्णय होगा. कोर्ट जो भी आदेश करेगी उसका पालन किया जाएगा. हमारी तरफ से कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि हम लोगों ने अभी तक बैरिकेडिंग के अंदर सर्वे के लिए प्रवेश किया ही नहीं है तो आपत्ति कैसी? मंगलवार 10 मई को न्यायालय में बहस के बाद सर्वे की अग्रिम तिथि निर्गत करेगी. 9130 फाइल में यह बात पूरी तरह से स्पष्ट है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के क्षेत्र की जगह को तोड़कर तथाकथित मस्जिद का निर्माण किया गया है. ये सारे दस्तावेज मौजूद हैं. इसे नकारा नहीं जा सकता है. प्रतिवादी पक्ष द्वारा केवल ये सब इस मामले को टालने व आगे बढ़ाने के लिए इस तरह की हरकत की जा रही है. ये लोग इस कार्रवाई को बाधित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. मगर फिर भी यह सर्वेक्षण पूरा होगा. सारे साक्ष्य निकलकर सामने आएंगे. इसे कोई नहीं रोक सकता.
सर्वे का विरोध क्यों?
दरअसल, इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्षकारों का तर्क है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार के बाहर श्रृंगार गौरी की मूर्ति है. ऐसे में मस्जिद के अंदर जाने की आवश्यकता ही क्या है? वाराणसी की एक कोर्ट ने जब सर्वे का आदेश दिया था तभी इस मामले को लेकर भारी विरोध दर्ज कराया गया था. नौबत तो यह आ गई थी कि मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्ट के आदेश को ही मानने से इंकार कर दिया था. सर्वे का दिन शुक्रवार 6 मई को था. उस दिन जुम्मे की नमाज के लिए मुस्लिम वर्ग बड़ी संख्या में मस्जिद पहुंचा था.
भारी शोर के बीच हुआ था सर्वे
दोपहर 3 बजे सर्वे की प्रक्रिया शुरू होते ही मस्जिद के बाहर नारेबाजी शुरू हो गई थी. मगर पुलिस की कड़ी सुरक्षा के चलते कोई अप्रिय घटना नहीं घटी थी. इससे इतर हिंदू पक्ष का मानना है कि पूरे परिसर का निरीक्षण होना जरूरी है. श्रृंगार गौरी की मूर्ति का अस्तित्व प्रमाणित करने के लिए करने के लिए इसे जरूरी बताया जा रहा है. अब इसी मामले में सर्वे की नई तारीख के लिए कल यानी मंगलवार 10 मई को कोर्ट में इस पूरे मसले पर सुनवाई होगी.