ज्ञानवापी केस में कल फ‍िर होगी सुनवाई, हिंदू पक्ष का दावा- 1993 तक मां श्रृंगार गौरी की पूजा हुई

विश्‍व वैदिक संघ के जितेंद सिंह बिसेन ने कहा कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में विष्णु गुप्ता हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से एक नया मुकदमा फाइल हुआ है. ये मुकदमा उन्होंने स्वयंभू अविमुक्तेश्वर महादेव के लिए फाइल किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 18, 2022 5:46 PM
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Gyanvapi Case Update: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण सुनवाई के योग्य है या नहीं इसको लेकर सोमवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई. इस मामले में बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन के द्वारा चारों महिलावादियों की ओर से बहस को पूरा कर लिया गया था. इसके बाद अब वादी राखी सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता ने दलील पेश की.

कोर्ट से अपील की जा रही

विश्‍व वैदिक संघ के जितेंद सिंह बिसेन ने कहा कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में विष्णु गुप्ता हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से एक नया मुकदमा फाइल हुआ है. ये मुकदमा उन्होंने स्वयंभू अविमुक्तेश्वर महादेव के लिए फाइल किया है. हालांकि, इसकी तारीख की अभी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. मुकदमा एक ही चीज के लिए है. बाबा के पूजा-आरती अधिकारों के लिए कोर्ट से अपील की जा रही है.

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जानें हिंदू पक्ष क्‍या कहा?

हिंदू पक्ष के वकील शिवम गौड़ ने बताया कि जज के सामने हमने 100 जजमेंट कोर्ट के सामने रखे हैं. वादी संख्या 1 राखी सिंह के लिए उन्‍होंने आर्ग्युमेंट को लीड कर दिया है. इसमें 61 पन्नों के लिखित आर्ग्युमेंट रखे गए हैं. 7/11 पर जो रिजेक्शन उठाये जा रहे हैं वह पूरी तरह से निराधार हैं. जिन तीन एक्ट की बात की जा रही हैं, प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, वक्फ एक्ट, काशी विश्वनाथ एक्ट ये कैसे हमारे केस को बार नहीं करता, इस बारे में कोर्ट में दलील दी गई है. 1993 तक हिंदू पक्ष की ओर से मां श्रृंगार गौरी की पूजा की गई थी. उसके बाद मौजूदा सरकार ने पूजा पर रोक लगाई थी. उन्‍होंने कहा, ‘इसलिए 1991 एक्ट के तहत मेरा केस बार नहीं होता है. मां श्रृंगार गौरी की पूजा कोई वक्‍फ बोर्ड डिसाइड नहीं करेगी. राखी सिंह केस का मामला मां श्रृंगार गौरी की पूजा तक सीमित है. किसी मंदिर मस्जिद की जमीन या कमीशन की कार्रवाई के अंतर्गत निकले शिवलिंग से सम्बंधित नहीं है.’ 19 जुलाई को मामला 2 बजे दोपहर में सुनवाई के लिए निश्‍च‍ित किया गया है.

रिपोर्ट : विप‍िन स‍िंह

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