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वाराणसी कोर्ट ने विवादित स्थल के सर्वेक्षण की मंजूरी दी
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मस्जिद को हटाने का काम किया जाना चाहिए: सुरेंद्र सिंह
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काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में विवादित बयान
Gyanwapi Mosque Case : काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में उत्तर प्रदेश के बलिया से भाजपा के विधायक सुरेंद्र सिंह ने एक ऐसा बयान दिया है जो चर्चा का केंद्र बन गया है. दरअसल बैरिया सीट से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने इस विवाद को लेकर कहा है कि यहां से मस्जिद को हटाने का काम किया जाना चाहिए…वे यहीं नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह दिया कि हमारा देश भारत जल्द ही हिंदू राष्ट्र बनेगा.
यहां चर्चा कर दें कि वाराणसी की सिविल कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व विभाग को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित स्थल पर सर्वेक्षण कराने की मंजूरी देने का काम किया है जिसके बाद से ये लोगों की जिज्ञासा का केंद्र बन चुका है. मामले पर भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह की प्रतिक्रिया आई जिसमें उन्होंने कहा कि वाराणसी सिविल कोर्ट के फैसले का मैं हृदय से स्वागत करता हूं…. मैं इससे खुश हूं.. अब जल्दी ही ज्ञानवापी मस्जिद को वाराणसी से हटाने का काम किया जाएगा. यहां एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करवाया जाएगा.
आगे भाजपा विधायक ने कहा कि यह परिवर्तन के साथ-साथ हिन्दुओं के सशक्तिकरण का युग है. राम राज्य की तरह हिंदू राष्ट्र की स्थापना में भी थोड़ी समस्याएं हैं. लेकिन जल्दी ही इन मुद्दों को निपटाने का काम किया जाएगा. हमारा देश भारत जल्द ही एक हिंदू राष्ट्र बनता नजर आएगा. उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में ही पूरा हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि वाराणसी की सिविल कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व विभाग को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित स्थल पर सर्वेक्षण कराने की मंजूरी दी है जिसका खर्च यूपी सरकार उठाएगी. यही नहीं सर्वेक्षण के दौरान विवादित स्थल पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को नमाज अदा करने से नहीं रोकने का निर्देश दिया गया है. सर्वेक्षण के लिए जिस टीम को बनाया गया है उसमें पांच सदस्यों को रखा जाएगा जिसमें दो सदस्य अल्पसंख्यक समुदाय के भी होंगे.
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दिसंबर 2019 में अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने सिविल जज की अदालत में एक याचिका दायर करने का काम किया था जिसमें उन्होंने दावा किया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण लगभग क़रीब दो हज़ार साल पहले करवाया गया था और इसे महाराजा विक्रमादित्य ने कराया था. मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब ने साल 1664 में मंदिर को नष्ट करवाने का काम किया था. वाराणसी कोर्ट ने याचिकाकर्ता के मामले की सुनवाई की और विवादित स्थल के सर्वेक्षण की मंजूरी देने का काम किया.
Posted By : Amitabh Kumar