Varanasi: निलंबित BJP प्रवक्‍ता नूपुर शर्मा के समर्थन में किया हनुमान चालीसा का पाठ, विहिप ने की मांग…

प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने अपर नगर मजिस्ट्रेट को बजरंग दल ने 7 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा. इन मांगपत्र के आधार पर विहिप कार्यकर्ताओं का कहना है कि योजनापूर्वक हिंदुओं पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. श्रीराम नवमी पर देशभर में शोभायात्राओं के ऊपर पथराव, हमले किए गए.

By Prabhat Khabar News Desk | June 16, 2022 5:29 PM
an image

Varanasi News: नूपुर शर्मा की विवादित धार्मिक टिप्पणी को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले दो शुक्रवार को जूमे की नमाज के बाद यूपी के विभि‍न्न जिलों में हिंसा के विरोध में गुरुवार को नदेसर स्थित शास्त्री घाट पर विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए प्रदर्शन किया. इस बीच उन्‍होंने हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा और शांतिपूर्ण माहौल और सौहार्द बने रहने की कामना की.

‘शासन करे कड़ी कार्रवाई’

प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने अपर नगर मजिस्ट्रेट को बजरंग दल ने 7 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा. इन मांगपत्र के आधार पर विहिप कार्यकर्ताओं का कहना है कि योजनापूर्वक हिंदुओं पर लगातार हमले किए जा रहे हैं. श्रीराम नवमी पर देशभर में शोभायात्राओं के ऊपर पथराव, हमले किए गए. अब नूपुर शर्मा व नवीन जिंदल के बयान को लेकर बीते दो शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों से निकलकर उग्र भीड़ हिंदुओं के घर और मंदिरों को ही नहीं सुरक्षाबलों पर भी जानलेवा हमले कर रही है. शासन इन पर कड़ाई से कार्रवाई करे.

राजनीतिक दल इन हमलों पर चुप क्यों?

विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यक्रम में कृपा शंकर तिवारी ने कहा कि पूरे देश में काशी महानगर के तर्ज पर हमने धरना प्रदर्शन किया है. राष्ट्रपति को हम लोग डीएम की ओर से ज्ञापन देने का कार्य आज यहां करेंगे ताकि देश में जिहादियों द्वारा बढ़ रही हिंसक घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके. बंगाल, राजस्थान व केरल जैसे राज्यों की सरकारों तो मानो इस्लामी जिहादियों के साथ ही खड़ी नजर आ रही. जेहादियों की ओर से हिंदू देवी-देवताओं के बारे में लगातार अनर्गल बातें कहीं जा रही हैं. कट्टरपंथियों द्वारा सोशल मीडिया पर लगातार सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने वाले वक्तव्य दिए जा रहे हैं. अब बात-बात पर लोकतंत्र के खतरे में होने की दुहाई देने वाले राजनीतिक दल इन हमलों पर आखिर चुप क्यों हैं?

रिपोर्ट : विपिन स‍िंह

Exit mobile version