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हरतालिका तीज व्रत मंगलवार, अगस्त 30, 2022 को
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तृतीया तिथि प्रारम्भ – अगस्त 29, 2022 को 03:20 बजे शाम
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तृतीया तिथि समाप्त – अगस्त 30, 2022 को 03:33 बजे शाम
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प्रातःकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त – 05:58 सुबह से 08:31 सुबह
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शाम को पूजा का मुहूर्त: शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा.
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तीज व्रत पारण – 31 अगस्त
हरतालिका तीज पूजा के लिए सबसे पहले भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी या बालू की मूर्ति बनाएं. पीला वस्त्र, रोली, केले का पत्ता, सुपारी, बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते, दूर्वा, कलश, अक्षत, घी, कपूर, गंगाजल, दही शहद, जनेऊ और 16 श्रृंगार का सामान सिंदूर, बिंदिया, मेंहदी, कुमकुम की व्यवस्था करें.
बालू/रेत से भगवान गणेश, शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को एक चौकी पर स्थापित कर दें.चौकी पर चावलों से अष्टदल कमल बनाएं और उस पर कलश की स्थापना करें. कलश की स्थापना करने से पहले उसमें जल, अक्षत, सुपारी, सिक्के डालें और उस पर आम के पत्ते रखकर नारियल भी रखें. चौकी पर पान के पत्ते रखकर उस पर अक्षत रखें. इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती को स्नान कराएं. उनके आगे घी का दीपक और धूप जलाएं.
भगवान गणेश और माता पार्वती को कुमकुम का तिलक लगाएं. भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएं. भगवान शिव को सफेद फूल, बेलपत्र, धतूरा, भांग और शमी के पत्ते अर्पित करें. भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करें. भगवान गणेश और माता पार्वती को पीले चावल और भगवान शिव को सफेद चावल अर्पित करें. सभी भगवानों को कलावा अर्पित करें. भगवान गणेश और भगवान शिव को जनेऊ अर्पित करें.
जनेऊ अर्पित करने के बाद माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें. सभी भगवानों को फल अर्पित करें. इसके बाद हरतालिक तीज की कथा पढ़ें या सुनें. भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें और उन्हें मिष्ठान अर्पित करें और हाथ जोड़कर प्रणाम करें.