स्वास्थ्य विभाग ने आगरा में अवैध अस्पतालों पर की ताबड़तोड़ कार्रवाई, यमुना पार के चार अस्पताल सील
हॉस्पिटल में हुई इस दुर्घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सबक लेते हुए गुरुवार को आगरा में 12 टीमों का गठन किया. इसके बाद यमुना पार क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग चार टीम अस्पतालों पर जांच पड़ताल करने पहुंची. ऐसे में तमाम अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग की टीम को कई सारी खामियां मिलीं.
Agra News: ताजनगरी के आर मधुराज हॉस्पिटल में हुई आग की दुर्घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बिना मानकों के चल रहे अस्पतालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है. आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिले में करीब 12 टीम बनाकर कार्रवाई के लिए रवाना की और टीमों द्वारा तमाम अस्पताल सील किये जा रहे हैं.
बुधवार को जिले के आर मधुराज अस्पताल में आग लगने के कारण दम घुटने से संचालक और उसके बेटा बेटी की मौत हो गई थी. इसके बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया था. मौके पर पुलिस और जिला प्रशासन की अधिकारी समेत स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारी पहुंच गए थे. तीनो शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल की जांच पड़ताल की तो पता चला की अस्पताल में कई मानक पूरे नहीं थे और एक कंपाउंडर अस्पताल को चला रहा था.
हॉस्पिटल में हुई इस दुर्घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सबक लेते हुए गुरुवार को आगरा में 12 टीमों का गठन किया. इसके बाद यमुना पार क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग चार टीम अस्पतालों पर जांच पड़ताल करने पहुंची. ऐसे में तमाम अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग की टीम को कई सारी खामियां मिलीं. जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने करीब 12 टीमों का गठन किया, यमुना पार में डिप्टी सीएमओ डॉक्टर नंदन सिंह के नेतृत्व में चार टीमों ने कई अस्पतालों का दौरा किया और खामियां मिलने पर उनके ऊपर सीलिंग की कार्रवाई की.
थाना एत्मादुद्दौला क्षेत्र के मंडी समिति सर्विस रोड पर स्थित मंगलम हॉस्पिटल में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची जहां पर उन्हें बेसमेंट में अस्पताल संचालित मिला और फायर विभाग के इंतजाम नहीं मिले. इस पर अस्पताल के बेसमेंट को सील किया गया. मंडी समिति के पास ही स्तिथ संगम हॉस्पिटल पर पहुंची टीम ने जांच की तो वहां भी बेसमेंट में अस्पताल संचालित था और आग से बचाव के इंतजाम नहीं थे. डॉ नंदन के नेतृत्व में पहुंची टीम ने हॉस्पिटल को सील किया और आगे किसी भी मरीज के भर्ती होने पर पाबंदी लगा दी. अस्पताल में मौजूद तीन मरीजों को अन्य जगह शिफ्ट करने के निर्देश भी दिए.
इसी सूची में करीब साल भर पहले इलाज के दौरान महिला के मरने की वजह से सील किया गया सरस्वती अस्पताल चलता पाया गया. अस्पताल संचालक ने मिलीभगत कर फिर से सील खुलवा ली थी. बेसमेंट में फिर से अस्पताल संचालित करने लगा था. डिप्टी सीएमओ की टीम ने जांच पड़ताल की तो ऑक्सीजन के सिलेंडर की एक्सपायरी डेट में छेड़छाड़ भी पाई गयी. इसके बाद अस्पताल के बेसमेंट में सील लगाई गई एवं वहां मौजूद सभी मरीजों को शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए.
यमुनापार क्षेत्र में मौजूद मधुबन अस्पताल को भी बेसमेंट में चलाए जाने व आग लगने से बचने के उपयुक्त इंतजाम ना होने के कारण सील कर दिया गया. स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार अस्पतालों पर जांच कर कार्रवाई कर रही है. माना जा रहा है कि आज की कार्रवाई में जिले के करीब दो दर्जन से अधिक अस्पतालों पर कार्रवाई की जा सकती है. हालांकि, खबर लिखे जाने तक टीम क्षेत्र में थी. ऐसे में सूची लंबी हो सकती है.
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