ज्ञानवापी मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई सुनवाई, नेवर की जगह लिख गया एवर, जानें क्या है पूरा मामला
फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में इस मामले को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और अन्य विपक्षी हाजिर हुए. वादी पक्ष की तरफ से वाद में संशोधित प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया. इसकी प्रति मुस्लिम पक्ष को आपत्ति दाखिल करने के लिए उपलब्ध कराई गई. सुनवाई के लिए अगली तिथि 14 जुलाई निर्धारित की.
Gyanvapi Dispute: ज्ञानवापी मामले को लेकर शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई में हुई. मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने, पूजा करने जैसे मुख्य तीन बिंदुओं समेत याचिका पर विचार किया गया.
फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में इस मामले को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और अन्य विपक्षी हाजिर हुए. वादी पक्ष की तरफ से वाद में संशोधित प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया. इसकी प्रति मुस्लिम पक्ष को आपत्ति दाखिल करने के लिए उपलब्ध कराई गई. इसके बाद कोर्ट ने सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 14 जुलाई निर्धारित की.
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने बताया कि आज विपक्षियों को नोटिस लेना था. मगर छोटी सी गलती हो गई थी. ‘नेवर’ की जगह ‘एवर’ टाइप हो गया था. उसको सुधार कराना जरूरी था. हमारी तरफ से माननीय न्यायालय में एक एप्लीकेशन लगाई गई कि हमारी तरफ से ये छोटी सी मिस्टेक हो गई है. न्यायालय ने सुनवाई के लिए 14 जुलाई की डेट निश्चित की है. उस गलती को सुधारने के लिए 14 जुलाई के बाद अगली डेट जो लगेगी उसमें सभी प्रतिवादियों से जवाब मंगाया जाएगा. वे जो भी अपना पक्ष रखेंगे उसकी अगली डेट पर फाइनली सभी को एक साथ अपना जवाब देना होगा.
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी ने बताया कि एक अमेंडमेंट एप्लीकेशन दाखिल किया गया है. दो वर्ड के लिए अमेंडमेंट एप्लीकेशन दाखिल किया गया है. 14 जुलाई की डेट निश्चित की है उस गलती को सुधारने के लिए. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता शिवम गौड़ ने बताया कि आज एक अमेंडमेंट की एप्लिकेशन 3/17 दाखिल की गई है, जिसमें 14 जुलाई को सुनवाई होगी. इसके अलावा हमने जो तत्काल पूजा का अधिकार मांगा है, उस पर हम 14 जुलाई को उसके लिए डेट प्रपोज करेंगे. इसमें इस वाद के पांचों पक्ष यूपी सरकार, वाराणसी के डीएम व पुलिस कमिश्नर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट अपना जवाब देंगे.
रिपोर्ट : विपिन सिंह