Gyanvapi Dispute: ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में गुरुवार को होने वाली सुनवाई लगातार दूसरे दिन टल गई. इस सुनवाई में शिवलिंग की जगह दर्शन पूजन समेत अन्य मामलों पर सुनवाई होनी थी. अब इस मामले की सुनवाई 23 मई को होगी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने ये फैसला लिया है. सर्वेक्षण की रिपोर्ट पूरी तैयार न होने की वजह से 17 मई से दूसरी तारीख ली गई थी. मगर अब एक बार फिर कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करने का निर्णय लिया है. 19 मई यानी गुरुवार को शासन की ओर से डीजीसी सिविल ने अदालत में अर्जी दी तो वहीं प्रतिवादी पक्ष ने ज्ञानवापी से जुड़े तमाम मामलों में आपत्ति दाखिल कर दी है. इतना ही नहीं प्रतिवादी पक्ष ने शिवलिंग मिलने के दावे पर कड़ी आपत्ति जताई है. दूसरी ओर वादी पक्ष और उनके अधिवक्ताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके अलावा दोनों पक्षकारों को कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट दी गई है.
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कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश करने के बाद एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने बताया कि उन्होंने सीलबंद लिफाफे में वीडियो चिप भी दाखिल की है. कोर्ट के समक्ष सब कुछ पेश किया गया है. सु्प्रीम कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मामले में सुनवाई के लिए कल 3 बजे का समय तय किए जाने के बाद आज वाराणसी कोर्ट में भी सुनवाई नहीं हुई. सुप्रीम कोर्ट ने कल की तारीख देने के साथ ही तब तक के लिए निचली अदालत में इस मामले को लेकर जारी कार्यवाही पर रोक लगा दी है. सु्प्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष ने वक्त मांगा था. इस पर अदालत ने कल दोपहर 3 बजे सुनवाई का वक्त तय किया है. कोर्ट ने इस दौरान सभी पक्षों को अपनी रिपोर्ट देने को कहा है. गुरुवार को जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि उनके साथी सीनियर अधिवक्ता हरिशंकर जैन की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए अदालत कल इस मामले की सुनवाई करे. इस पर सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दोपहर 3 बजे सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी.
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डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पाण्डे ने अदालत में अर्जी देकर कहा कि ज्ञानवापी परिसर स्थित जिस तीन फीट गहरे तालाब को सील किया गया है. उसके चारों तरफ पाइपलाइन व नल है. उस नल का उपयोग नमाजी लोग वजु के लिए करते हैं. इसलिए नमाजियों के वजु के लिए बाहर व्यवस्था की जाए. साथ ही तालाब में कुछ मछलियां भी है. उन मछलियों को कही और पानी में छोड़ा जाए. इसके साथ ही मिले शिवलिंग के नीचे खोदाई करवाई जाए. नन्दी के सामने ऊतर पूरबी दीवार को तोड़कर भी सर्वे कराया जाए.
रिपोर्ट : विपिन सिंह