ज्ञानवापी परिसर में उर्स की अनुमति पर तीन अक्टूबर को होगी सुनवाई, जानें क्या है पूरा मामला?
सिविल जज फास्ट ट्रैक (सीनियर डिवीजन) महेंद्र नाथ पांडेय की अदालत में यह प्रार्थना पत्र मुख्तार अहमद और अन्य ने दाखिल कर अंजुमन इतजामिया मसाजिद, जिला प्रशासन और अन्य को प्रतिवादी बनाया है. मुस्लिम पक्ष की मांग है कि मस्जिद परिसर में धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी जाए.
Varanasi News: ज्ञानवापी परिसर में सालाना उर्स और अन्य धार्मिक आयोजन की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी. बुधवार को अदालत में इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि तय की. इस मामले से जुड़े अन्य संबंधित लोगों को बुलाने के लिए कहा है. सिविल जज फास्ट ट्रैक (सीनियर डिवीजन) महेंद्र नाथ पांडेय की अदालत में यह प्रार्थना पत्र मुख्तार अहमद और अन्य ने दाखिल कर अंजुमन इतजामिया मसाजिद, जिला प्रशासन और अन्य को प्रतिवादी बनाया है. मुस्लिम पक्ष की मांग है कि मस्जिद परिसर में धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी जाए.
सुनवाई नहीं हो सकी
इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित तीन मजारों पर चादरपोशी व उर्स की मांग की सुनवाई तीन सितंबर को हुई थी जो 14 सितंबर तक टल गई थी. यह वाद सिविल जज (सीनियर डिवीजन) फास्ट ट्रैक महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में चल रहा है. तीन सितंबर को पीठासीन अदालत के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी. इस मामले में जनपद के लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी, कच्चीबाग निवासी अनीसुर रहमान सहित तीन अन्य लोगों ने अदालत में प्रार्थनापत्र देकर कोर्ट से अनुरोध किया था कि विपक्षीगण को मना किया जाए कि ज्ञानवापी परिसर स्थित तीन दृश्य मजार और अदृश्य मजार पर चादरपोशी, फातिहा पढ़ने और सालाना उर्स के आयोजन के अधिकार से उनको वंचित न करें. साथ ही यह भी मांग की गई कि प्रतिवादी पक्ष के साथ ही राज्य सरकार, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी, वाराणसी के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को आदेश दिया जाए कि वे उर्स जैसे आयोजन को परिसर में करने से न रोकें.