Varanasi News: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के लिये शुक्रवार का दिन काफी अहम है. विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश सियाराम चौरसिया की अदालत में अन्याय प्रतिकार यात्रा के मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई हो रही है. पिछले दिनों आरोपी की ओर से कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी. इस पर 28 अक्तूबर की सुनवाई की तारीख दी गई थी. पिछली कई तारीखों में इस मामले में अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती समेत 25 लोगों को गैरजमानती वारंट के बाद कुर्की का आदेश भी हो चुका है.
दरअसल, प्रतिकार यात्रा के दौरान पुलिस टीम पर हमला करने, तोड़फोड़ व आगजनी करने के मामले में आरोपियों के कोर्ट में हाजिर न होने पर कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. विशेष न्यायाधीश सियाराम चौरसिया की अदालत ने इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, सतुआ बाबा, महंत बालक दास, मंडुआडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर पंकज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय, अरुण पाठक, अजय चौबे, अमरनाथ यादव उर्फ डब्लू, असित दास समेत कई लोगों के मुकदमे में हाजिर न होने पर उन्हें फरार घोषित किया है.
अदालत ने इस मामले में अपर पुलिस उपायुक्त काशी जोन राजेश कुमार पांडेय को आदेश दिया है कि उक्त मामले में कोर्ट द्वारा जारी गैर जमानती वारंट व कुर्की के आदेश के तहत कार्यवाही कर उसकी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करें. इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से उनके वकील रमेश उपाध्याय व श्रीनाथ त्रिपाठी ने अग्रिम जमानत की अर्जी अदालत में दाखिल किया है. शुक्रवार को इसी मामले की सुनवाई हो रही है. ऐसे में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शुभचिंतकों का सुबह से ही न्यायालय परिसर में जमावड़ा लगा हुआ है.
दरअसल, 5 अक्टूबर 2015 को गंगा नदी में गणेश प्रतिमा विसर्जन पर अड़े लोगों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के नेतृत्व में मैदागिन के टाउनहाल से दशाश्वमेध तक अन्याय प्रतिकार यात्रा निकली गई थी. इस बीच शाम करीब साढ़े चार बजे एक सांड़ की वजह से भगदड़ मचने पर यात्रा में शामिल लोग इधर-उधर भागने लगे. अफवाह उड़ी कि पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया है. उस समय इस बात को लेकर काफी राजनीति भी हुई थी. मामला राष्ट्रीय स्तर तक उछल गया था.