UP Health: मेडिकल कालेजों में HMIS का शुभारंभ, मरीजों की रिपोर्ट से लेकर ऑनलाइन हुई ये सुविधाएं…
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि ई-सुश्रुत एचएमआईएस साफ्टवेयर को अपने एण्ड्रायड फोन के प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपना पंजीकरण करके रोगी को काउण्टर पर होने वाली असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा.
Lucknow: प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में सोमवार से ई-सुश्रुत हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम (HMIS) प्रणाली लागू हो गई. इससे प्रदेश के चिकित्सा संस्थान और मेडिकल कॉलेज जुड़ेंगे. इस प्रणाली के जरिए मरीज की सारी जानकारी ऑनलाइन फीड कर डॉक्टर के कंप्यूटर तक पहुंचेगी. जांच रिपोर्ट ऑनलाइन होने के बाद डॉक्टर अपने कंप्यूटर पर देख सकेंगे. इस नई व्यवस्था की शुरुआत सोमवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने की.
पारदर्शिता से हो सकेगा चिकित्सीय कार्य
इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं सीडैक के मध्य मेमोरेण्डम ऑफ एग्रीमेंट का हस्तानांतरण ई-सुश्रुत एचएमआईएस साफ्टवेयर के लिए हुआ. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में रोगियों एवं चिकित्सकों के कार्यों को सुदृढ़ एवं पारदर्शी करने के लिए ई-सुश्रुत एचएमआईएस प्रणाली का शुभारम्भ किया गया है.
कई काम होंगे ऑनलाइन, मिलेगी सुविधा
ई-सुश्रुत एचएमआईएस साफ्टवेयर से रोगी पंजीकरण, भर्ती, डिस्चार्ज, एम्बुलेंस, खाना, दवाइयां, चिकित्सकों का विवरण एवं उपलब्धता आदि को ऑनलाइन सम्पादित किये जा सकेंगे, जिससे रोगियों के उपचार सम्बन्धी सभी कार्य सुगमता एवं पारदर्शिता से सम्पादित किये जा सकेंगे.
डॉक्टरों की पूरी जानकारी ऑनलाइन होगी उपलब्ध
डिप्टी सीएम ने कहा कि ई-सुश्रुत एचएमआईएस साफ्टवेयर को अपने एण्ड्रायड फोन के प्लेस्टोर से डाउनलोड कर अपना पंजीकरण करके रोगी को काउण्टर पर होने वाली असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस साफ्टवेयर के माध्यम से रोगियों को अस्पताल में किस दिन, कौन से डाक्टरों की उपलब्धता होगी, सारी जानकारी भी उपलब्ध होगी. रोगियों द्वारा विभिन्न प्रकार के शुल्क का भुगतान ऑनलाइन किसी भी माध्यम जैसे कि यूपीआई, नेट बैंकिंग से करके समय की बचत कर सकेगा.
रोगी के मोबाइल में होगा हेल्थ रिकार्ड
चिकित्सीय जांचे, दवाइयों के पर्चे खो जाने की स्थिति में रोगी साफ्टवेयर से अपना हेल्थ रिकार्ड स्वयं अपने मोबाइल से पुनः प्राप्त कर सकेगा. अस्पताल में भर्ती रोगियों को उपलब्ध होने वाली सुविधायें जैसे एम्बुलेंस, बेड एलॉटमेंट, लिनेन, भोजन आदि का रिकार्ड भी ई-सुश्रुत साफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा जिससे की इन सभी कार्यों में गहन पारदर्शिता लायी जा सकेगी.
चिकित्सीय सुविधाओं को इस तरह मिलेगा लाभ
ई-सुश्रुत एचएमआईएस साफ्टवेयर से होने वाली सुविधायों के अन्तर्गत प्रत्येक रोगी का आधार लिंक, आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउण्ट (आभा)- यूनिक हेल्थ आई.डी. ई-सुश्रुत साफ्टवेयर से जोड़ा जायेगा जिसके माध्यम से रोगी प्रदेश में किसी भी चिकित्सालय में चिकित्सा संबधी सुविधाओं का लाभ ले सकता है। अस्पतालों में प्रयोग होने वाली औषधियों की मात्रा, उपलब्धता तथा एक्सपायरी डेट इत्यादि का विवरण भी इस ई-सुश्रुत एचएमआईएस साफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटिलाइज्ड फार्म में सदैव उपलब्ध रहेगा जिससे चिकित्सक मरीजों को अस्पतालों में उपलब्ध दवाइयां आसानी से लिख पायेंगे साथ ही साथ एक्सपायरी दवाइयों की सूची भी आसानी से उपलब्ध होने से उनका निस्तारण समय पर किया जा सकेगा.
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एम्बुलेंस और बेड एलॉटमेंट की भी मिलेगी सुविधा
अस्पताल में भर्ती रोगियों को उपलब्ध होने वाली सुविधायें जैसे एम्बुलेंस, बेड एलॉटमेंट, लिनेन, भोजन आदि का रिकार्ड भी ई-सुश्रुत साफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा जिससे की इन सभी कार्यों में गहन पारदर्शिता लायी जा सकेगी.
सभी मेडिकल कॉलेजों में भी जल्द मिलेगी सुविधा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में इस प्रकार की व्यवस्था प्रदेश में मात्र 12 राजकीय मेडिकल कालेजों, चिकित्सा संस्थानों, चिकित्सा विश्वविद्यालयों में है. इनमें गोरखपुर, झांसी, कानपुर, प्रयागराज, आगरा, मेरठ, केजीएमयू लखनऊ, यूपीयूएमएस सैफई, जिम्स ग्रेटर नोएडा, आरएमएल लखनऊ, एसजीपीजीआई लखनऊ, मीरजापुर में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम की व्यवस्था है. आज चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा 22 और मेडिकल कालेज में एमओए हस्तांतरण का कार्य सम्पन्न किया गया है तथा भविष्य में प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों में इस प्रकार की व्यवस्था लागू किया जाएगा.