Hotel Levana Sealing: लखनऊ के हजरतगंज में ने आलीशन पांच सितारा होटल लेवाना में सोमवार को अग्निकांड में 4 चार लोगों की जान चली गई. अब इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने भी अपने तेवर सख्त कर लिए हैं. एलडीए की ओर से अब होटल निर्माण के संबंध में गहनता से जांच के आदेश जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से होटल की सीलिंग की कार्यवाही को अंजाम देने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
एलडीए की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि हजरतगंज स्थित मदन मोहन मालवीय मार्ग स्थित होटल लेवाना सूइट्स का गहनता से निरीक्षण किया गया. अग्निकांड की घटना होटल के प्रथम तल पर घटित हुई हे. इसमें चार लोगों की मौत हुई है जबकि 15 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. एलडीए की ओर से जानकारी दी गई है कि एलडीए उपाध्यक्ष के संज्ञान में लाया गया कि जोनल अधिकारी ने 7 मई 2022 को लेवाना होटल प्रबंधन को नोटिस जारी किया था. इसके जवाब में प्रबंधन की ओर से 12 मई को अग्निशमन विभाग की ओर से फायर की एनओसी पेश की गई थी. एनओसी साल 2021 से 2024 तक के लिए रिन्यूवल की गई थी. एलडीए की जांच रिपोर्ट के अनुसार, फायर एस्केप मैनेजमेंट के अभाव में फसाड पर लोहे की ग्रिलों के बाद भी फायर की एनओसी जारी करना बड़ा सवाल उभरकर सामने आया है.
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ऐसे में एलडीए ने अपने अधिकारियों को इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. विभाग की ओर से कहा गया है कि भवन स्वामी ने होटल के लिए मंजूर किए गए मानचित्र की कोई कॉपी पेश न करने पर आपत्ति जताई है. इस बारे में बताया गया है कि एलडीए की ओर से 26 मई, 2022 को नोटिस भी जारी किया गया था. उत्तर न मिलने पर 28 अगस्त को दोबारा नोटिस जारी की गई थी. ऐसे में एलडीए ने होटल को तत्काल सील करने के साथ ही ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही, नक्शा पास हुए बिना होटल का संचालन कराने में मददगार रहे अफसरों और कर्मचारियों की पहचान करके उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसी तरह अन्य होटल के संबंध में भी एलडीए ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिन होटल की ओर से विभाग की नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है, उन पर सीलिंग की कार्यवाही कराई जाए.
दरअसल, जिस जमीन पर लेवाना होटल बना है वहां पहले पीके भवन हुआ करता था. पीके भवन में बीएसएनएल का दफ्तर था. बाद में बीएसएनएल का दफ्तर वहां से शिफ्ट कर दिया गया. इसकी जगह पर होटल भी खोल दिया गया. एलडीए की ओर से भी कुछ नहीं किया गया. प्राधिकरण के प्रवर्तन जोन के अधिकारियों और इंजीनियरों ने ही इस होटल का निर्माण करवाया. नक्शा न पास होने के बावजूद इन लोगों ने होटल के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई थी.